Breaking
महिला कैदी ने जेल अधिकारियों पर लगाया रेप का आरोप, चिट्ठी में लिखी आपबीती महाराष्ट्र में MVA जीतेगी कितनी सीटें? उद्धव ठाकरे ने पहली बार बताया नंबर रामपुर: गले में अटकी टॉफी, 5 साल के मासूम ने मां के सामने तड़प-तड़पकर तोड़ा दम हिमाचल में बीजेपी का बड़ा एक्शन, 2 नेताओं को 6 साल के लिए किया पार्टी से निष्कासित अगर बीजेपी को नहीं मिला बहुमत, तो क्या होगा प्लान बी? अमित शाह ने दिया ये जवाब ‘हमें कहा- दो बच्चे ही अच्छे, उन्हें कहा- चच्चा बहुत सारा बच्चा…’, देवकीनंदन शास्त्री ने ये क्या कह ... हलालपुर में खंडहरनुमा मकान की छत गिरी, मलबे में दबकर बालक घायल हाई कोर्ट ने कहा- गाडरवारा की नर्सिंग सिस्टर को जबलपुर की रिक्त सीट पर समायोजित करें अभी और सताएगी गर्मी, दिल्ली-UP और बिहार तक हीटवेव का अलर्ट… जानें अन्य राज्यों के मौसम का हाल सेना की हरी झंडी के बाद वीएफजे तैयार करेगी सात हजार से अधिक सैन्य वाहनों की बड़ी खेप

पटना।ये बेकार की कहानी है कि क़ानून के हाथ लंबे होते हैं. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो और एएसपी काम्या मिश्रा के छुटे पसीने–पटना हाईकोर्ट ने की तल्ख़ टिप्पणी,

Whats App

पटना हाईकोर्ट ने रिमांड होम पर सुनवाई करते हुए आज पटना के दो सीनियर आईपीएस अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की है, पटना हाईकोर्ट ने कहा कि  आपलोगों ने जैसा काम किया है उससे तो हम यही कह सकते हैं न कि ये बेकार की कहानी है कि क़ानून के हाथ लंबे होते हैं. ये बेकार की कहानी है न कि क़ानून सबके उपर है. आप जब एक सामान्य केस की सही से जाँच नहीं कर सकते तो फिर आपकी वर्दी का क्या मतलब है. आपके ओहदे का क्या मतलब है. आप एक केस की सही से जाँच नहीं सकते.

पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो और एएसपी काम्या मिश्रा पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने ऐसी ही तल्ख़ टिप्पणियाँ की. नाराज़ कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पटना एसएसपी की पुलिसिंग और कामकाज किसी तरह से संतोषजनक नहीं कहा जा सकता. नाराज़ कोर्ट ने कहा आधे घंटे से ज़्यादा समय तक पटना के एसएसपी और एएसपी काम्या मिश्रा से ऐसे तल्ख़ सवाल पूछे कि उनके पसीने छूटते रहे.
पटना रिमांड होम पर सुनवाई 

दरअसल पटना हाईकोर्ट में आज पटना के गायघाट स्थित रिमांड होम में लड़कियों के यौन शोषण के मामले की पुलिस जाँच पर सुनवाई हुई. लगभग एक साल हुए जब पटना रिमांड होम की एक लड़की ने वहाँ यौन शोषण के आरोप लगाये थे. इस मामले का पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. इसके बाद मामले की जाँच के लिए पटना पुलिस ने स्पेशल टीम बनायी थी और उसकी कमान तत्कालीन सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा को सौंपी गयी थी. पटना के SSP को खुद इस मामले की निगरानी करने को भी कहा गया था

Whats App

गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट में पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो और एएसपी काम्या मिश्रा मौजूद थी. दोनों पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि पटना पुलिस की विशेष टीम ने रिमांड होम मामले की गहन छानबीन की है. रिमांड होम में रह रहीं लड़कियों के साथ साथ वहाँ तैनात सारे कर्मचारियों से गहन पूछताछ की गयी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रिमांड होम की सिर्फ़ दो लड़कियों ने पुलिस के समक्ष ये कहा कि उनका यौन शोषण हुआ था. रिमांड होम की तत्कालीन अधीक्षक वंदना गुप्ता ने बाहरी लोगों को बुलाकर उनके साथ केप करवाया.

पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि पूरी जाँच पड़ताल के बाद रिमांड होम की तत्कालीन अधीक्षक वंदना गुप्ता को दोषी पाया गया. उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया. वंदना गुप्ता को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है और पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है. पुलिस की जाँच में कोई दूसरा दोषी नहीं पाया गया. पुलिस ने दो लड़कियों के बयान पर दो केस दर्ज किये थे. इनमें से एक में वंदना गुप्ता को दोषी पाया गया. जबकि दूसरे केस को पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में बंद कर दिया.

हाईकोर्ट ने पुलिस की धज्जियाँ उड़ा दी

पटना पुलिस की इस रिपोर्ट की हाईकोर्ट की बेंच ने धज्जियाँ उड़ा दीं. कोर्ट ने कहा कि अगर लड़कियों के साथ रेप हुआ और अधीक्षक वंदना गुप्ता सिर्फ़ बलात्कारियों को लड़की उपलब्ध कराने वाली माध्यम थी तो वे कौन थे जिन्होंने रेप किया. वे कौन लोग थे जिनसे पैसे लेकर वंदना गुप्ता ने लड़कियाँ मुहैया करायी थी. हाईकोर्ट बार बार ये सवाल पूछ रहा था और पटना के एसएसपी और एएसपी के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था.

कोर्ट ने पूछा कि वंदना गुप्ता ने रिमांड होम की लड़कियों का रेप करवाया लेकिन रेप करने वाले कौन थे ये पता नहीं. क्या पटना के एसएसपी और एएसपी की इस कहानी पर कोई विश्वास करेगा. क्या पुलिस की इस जाँच को पटना के सीजेएम भी मान लेंगे. पुलिस ये कहानी हाईकोर्ट को सुना रही है. हाईकोर्ट ने पटना एसएसपी की कार्यशैली पर बेहद गंभीर टिप्पणी की. कोर्ट ने पुलिस के जाँच करने के तरीक़े पर बेहद गंभीर सवाल उठाये. हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या पटना के एसएसपी को लगता है कि वे सही से अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं और उसे निभाने लायक़ हैं. 

कोर्ट की बेहद तल्ख़ टिप्पणियों का पटना के एसएसपी और एएसपी के पास कोई जवाब नहीं था. नाराज़ कोर्ट ने दोनों को दो सप्ताह का समय दिया है. दो सप्ताह बाद एसएसपी और एएसपी को फिर कोर्ट में पेश होकर ये बताना होगा कि वे कैसे इस मामले की सही तरीक़े से जाँच पूरी कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि उसी दिन वे पटना  पुलिस पर अपना फ़ैसला सुनायेगी. 

बता दें कि लगभग एक साल पहले पटना के गायघाट स्थित रिमांड होम में पहले रह चुकी एक युवती ने वहां की व्‍यवस्‍था को लेकर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. उसके अनुसार वहां लड़कियों के साथ गंदा काम होता था. लड़कियों के शारीरिक और  मानसिक शोषण के आरोप लगाते हुए उसने कहा कि रिमांड होम में उन्‍हें नशे का इंजेक्शन देकर अवैध धंधा करने के लिए मजबूर किया जाता था.।

 

 

महिला कैदी ने जेल अधिकारियों पर लगाया रेप का आरोप, चिट्ठी में लिखी आपबीती     |     महाराष्ट्र में MVA जीतेगी कितनी सीटें? उद्धव ठाकरे ने पहली बार बताया नंबर     |     रामपुर: गले में अटकी टॉफी, 5 साल के मासूम ने मां के सामने तड़प-तड़पकर तोड़ा दम     |     हिमाचल में बीजेपी का बड़ा एक्शन, 2 नेताओं को 6 साल के लिए किया पार्टी से निष्कासित     |     अगर बीजेपी को नहीं मिला बहुमत, तो क्या होगा प्लान बी? अमित शाह ने दिया ये जवाब     |     ‘हमें कहा- दो बच्चे ही अच्छे, उन्हें कहा- चच्चा बहुत सारा बच्चा…’, देवकीनंदन शास्त्री ने ये क्या कह दिया?     |     हलालपुर में खंडहरनुमा मकान की छत गिरी, मलबे में दबकर बालक घायल     |     हाई कोर्ट ने कहा- गाडरवारा की नर्सिंग सिस्टर को जबलपुर की रिक्त सीट पर समायोजित करें     |     अभी और सताएगी गर्मी, दिल्ली-UP और बिहार तक हीटवेव का अलर्ट… जानें अन्य राज्यों के मौसम का हाल     |     सेना की हरी झंडी के बाद वीएफजे तैयार करेगी सात हजार से अधिक सैन्य वाहनों की बड़ी खेप     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374