असम के डिब्रूगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे दो डॉक्टरों को 6 माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। इन पर कथित तौर से रैगिंग का आरोप है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।इससे पहले सोमवार को डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी की अथॉरिटी ने 18 छात्रों को सस्पेंड कर दिया। इन सभी पर एम.कॉम के एक छात्र की रैगिंग का आरोप है, जिसके कारण उसकी हड्डियां टूट गईं और वह आइसीयू में भर्ती है।
असम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संजीव काकटी ने बताया कि शिकायत मिलने के तुंरत बाद इंस्टीट्यूट ने कार्रवाई की। उन्होंने आगे बताया, ‘यदि समय से हालात पर काबू पा लिया जाता तो, कई चीजें सही होतीं । हम जूनियर छात्रों की रैगिंग या शोषण मामले में काफी सख्त हैं और इस तरह की चीजें हम बर्दाश्त नहीं करते हैं। ‘
उन्होंने नॉर्थईस्ट में पुराने मेडिकल कॉलेज के एंटी-रैगिंग कमिटी (ARC) द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट के 2 छात्रों को जूनियर PG छात्रों को शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किए जाने का दोषी करार दिए जाने की बात कही।
21 नवंबर को एक आदेश जारी हुआ था और दोनों को तुरंत हॉस्टल से निकाल दिया गया था। साथ ही 6 माह के लिए क्लासेज से भी सस्पेंड कर दिया गया। प्रिंसिपल ने कहा, ‘हमने कुछ दिनों पहले ही मेडिकल कॉलेज का प्लैटिनम जुबली बनाया था। यह केवल संस्था नहीं बल्कि भावनाएं हैं। हम ऐसी किसी चीज को अनुमति नहीं दे सकते हैं जिससे संस्था की छवि व नाम को नुकसान पहुंचे।’ 26 नवंबर को हुए डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी मामले में जूनियर को इतना प्रताड़ित किया गया कि खुद को बचाने के लिए वह हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूद गया।