नई दिल्ली। कनाडा से भागकर कैलिफोर्निया पहुंचे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को हिरासत में ले लिया गया है। गोल्डी बराड़ पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मास्टरमाइंड है। तीन महीने पहले ही गोल्डी कनाडा से भागकर कैलिफोर्निया पहुंचा था। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि गोल्डी बराड़ को हिरासत में ले लिया गया है। उस 20 नवंबर के आसपास ही डिटेन कर लिया गया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है कि कैलिफोर्निया ने भारत सरकार और पंजाब पुलिस को गोल्डी बराड़ को डिटेन करने की जानकारी दी है। सीएम मान ने कहा कि अमेरिका के साथ प्रत्यर्पण संधि के अनुसार गोल्डी को भारत लाया जाएगा ताकि जिन लोगों ने अपने बेटे और बेटियों को खोया है उन्हें कुछ सांत्वना मिल सके। उन्होंने कहा कि बराड़ अपनी गैंग के जरिए पाकिस्तान से अपना काम करवाता था। मान ने दावा किया कि गोल्ड बराड़ जल्द ही पंजाब पुलिस की कस्टडी में होगा। गोल्डी बराड़ की उम्र अभी सिर्फ 28 साल है इतनी कम उम्र में उस पर कई सारे क्रिमिनल केस दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं।
इस साल 29 मई को पंजाबी सिंगर सुखदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई थी। इसका मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ ही था। गोल्डी बराड़ लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मेंबर है जिसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बराड़ को डेरा सच्चा सौचा के अनुयायी परदीप सिंह की हत्या का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। गोल्डी बराड़ यानी सतिंदरजीत सिंह पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब का रहने वाला है। वहां 2017 में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा गया था। वहीं से वहां अपनी गैंग चलाता था।
मूसेवाला की हत्या के बाद से गोल्डी बराड़ को कनाडा में खतरा महसूस हो रहा था। इसकी वजह ये थी कनाडा में मूसेवाला के बहुत फैंस हैं। साथ ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दुश्मन बमबीहा गैंग के दर्जनों लोग भी वहां रहते हैं। इसकारण वहां सितंबर में कनाडा से कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गया था।
सूत्रों का कहना है कि कैलिफोर्निया में गोल्डी बराड़ राजनीतिक शरण लेने की कोशिश कर रहा था ताकि पकड़े जाने पर भारत न भेजा जा सके। हालांकि ऐसा हो नहीं सका। गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था।
किसी भी आरोपी को दूसरे देश से अपने देश में लाने के लिए दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि यानी एक्स्ट्राडीशन ट्रीटी होना जरूरी है। अगर प्रत्यर्पण संधि न भी हो तो एक्स्ट्राडीशन अरेंजमेंट से भी काम चल जाता है। भारत में 1962 में प्रत्यर्पण कानून बना था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की 48 देशों के साथ एक्स्ट्राडीशन ट्रीटी है और 12 देशों के एक्स्ट्राडीशन अरेंजमेंट है।
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