सिद्धार्थनगर में गन्ना फसल पर कीटों का प्रकोप, किसान चिंतित…अच्छी-खासी होती है गन्ने की खेती, रोग के चलते गन्ने के उत्पादन पर पड़ सकता है असर
सिद्धार्थनगर नगर पंचायत बढ़नीचाफा एवं उसके आसपास के क्षेत्र में गन्ने की खेती अच्छी-खासी होती है। कुल 29 टोलों में बंटे बढ़नीचाफा में गन्ने की पैदावार काफी बेहतर होती है। परंतु इस समय गन्ने की फसल पर कीटों के प्रकोप ने किसानों को चिंतित कर दिया है। किसानों के मुताबिक फसल के ऊपरी हिस्से में रोग लगने से पत्तियां गिर रही हैं, ऐसे में उत्पादन प्रभावित होने की शंका बढ़ गई है। पछेती प्रजाति की फसल पर इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है।
क्षेत्र में नकदी फसल के रूप में किसान गन्ना उगाते रहे हैं। चीनी मिल दूर होने के बावजूद यहां गन्ना किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है। गन्ने के जूस की बढ़ती डिमांड एवं गुड़ उत्पादन को लेकर किसान गन्ने की ओर रुझान अधिक रख रहे हैं। इधर गन्ने की फसल तैयार होने लगी तो फसल पर चोटी छेदक कीटों का प्रकोप शुरू हो गया है।
कीटनाशकों का कर रहे छिड़काव
किसानों में शंभू जायसवाल, विलास, हृदय राम, दिनेश यादव, गोलू यादव, विनय कुमार का कहना है कि कीट पौधों के ऊपरी भाग में लग रहे हैं, देखते ही देखते पौधा सूखकर जमीन पर गिर जा रहा है। लहलहाती फसल की ऊपरी कल्ले पर सफेद रंग के कीट दिखाई दे रहे हैं। तमाम कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं, परंतु दवा ज्यादा प्रभावी दिखाई नहीं दे रही है। अगर ऐसा रहा तो उत्पादन तो प्रभावित होगा ही बिक्री में भी परेशानी होगी।
रोग का प्रकोप पछेती प्रजाति पर देखने को मिल रहा
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के वैज्ञानिक डा. मारकण्डेय का कहना है कि उक्त रोग का प्रकोप पछेती प्रजाति पर देखने को मिल रहा है। किसान केरोसीन नाम की दवा का छिड़काव पंद्रह दिन के अंतराल पर करते हुए सिंचाई करें। ऐसा करने पर एक माह के अंदर फसल सुरक्षित हो जाएगी।