नवंबर में नई दिल्ली के एम्स में सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। एम्स अस्पताल द्वारा इस्तेमाल होने वाला सर्वर करीब नौ घंटे तक डाउन रहा था। एम्स द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि संभावित रैंसमवेयर हमले के कारण सर्वर डाउन था। हैकर्स ने कथित तौर पर एम्स से क्रिप्टोकरेंसी में अनुमानित 200 करोड़ रुपये की मांग की थी। उल्लंघन का पता चलने के कारण लगभग 3-4 करोड़ रोगियों के डेटा से समझौता किए जाने की आशंका थी। सर्वर डाउन रहने के कारण आपातकालीन आउट पेशेंट इनपेशेंट और प्रयोगशाला विंग में रोगी देखभाल सेवाओं को मैन्युअल रूप से प्रबंधित किया गया।