केंद्र सरकार ने राज्यों को विकास कार्यों को गति देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रविधान अधोसंरचना निधि में रखा है। प्रदेश सरकार ने पूंजीगत कार्यों के लिए नौै हजार 362 करोड़ रुपये मांगे थे जिसमें से छह हजार 280 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और तीन हजार 140 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।

राशि के उपयोग किए जाने का प्रमाण पत्र भी भेज दिया गया है ताकि बाकी राशि जल्द मिल सके। इसी तरह प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना में शामिल परियोजनाओं के एक हजार 792 करोड़ रुपये मांगे गए थे। इसमें से 393 करोड़ रुपये दिए जाने की अनुशंसा की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 114 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। इसमें से 105 करोड़ रुपये मिल गए हैं।

नगरीय क्षेत्रों में सुधार और अनुपयोगी संपत्तियों के विनिवेश के लिए राशि मांगी गई है जो मिलना बाकी है। इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ मंत्रालय में हुई बैठक में चर्चा हो चुकी है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि शेष राशि जल्द ही उपलब्ध करा दी जाएगी।

वहीं अगले साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा राशि केंद्र सरकार से मिल जाए ताकि विकास कार्यों को गति दी जा सके। इसके मद्देनजर वित्त विभाग ने लोक निर्माण जल संसाधन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी नगरीय विकास एवं आवास पंचायत एवं ग्रामीण और उद्योग विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द प्रस्ताव बनाकर दें ताकि उनका परीक्षण करके समयसीमा में भेजा जा सके। सर्वाधिक राशि पूंजीगत व्यय के लिए मांगी जा रही है ताकि निर्माण परियोजनाओं को गति दी जा सके।