छतरपुर। दिल्ली से सागर के लिए सवार हुई गर्भवती महिला ने प्रसव पीड़ा होने पर बस में ही बेटी को जन्म दिया। ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए बस को सागर के बजाए बीच रास्ते से ही छतरपुर जिला अस्पताल की ओर मोड़ दिया और जच्चा और बच्चा दोनों को सुरक्षित जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में मां-बेटी को भर्ती किया गया है। डाक्टरों ने दोनों को सुरक्षित बताया है। सागर जिला निवासी बलराम जाटव दिल्ली में पत्नी चांदनी जाटव के साथ रहकर मजदूरी करता है। चांदनी गर्भवती थी, और दिल्ली में डिलीवरी के लिए अस्पताल ने काफी पैसों का खर्च बताया था, इसलिए प्रसव के लिए सागर अपने घर जा रहे थे। रविवार रात को दोनों वेदवंती ट्रेवल्स की बस में सवार हुए। सोमवार सुबह छतरपुर से करीब चार-पांच किमी निकलने के बाद बस में ही चांदनी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। ड्राइवर ने बस रोकी तब तक चांदनी का प्रसव हो गया। चांदनी ने बेटी को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा और बच्ची की जान को कोई खतरा न हो, इसे देखते हुए ड्राइवर धर्मवीर सिंह परमार ने बस को वापस छतरपुर की ओर मोड़ दिया। बस में सवार अन्य यात्री भी इसमें सहयोगी बने। ड्राइवर बस से ही से चांदनी और उनकी बेटी को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। स्लीपर कोच बस जब जिला अस्पताल के मुख्य गेट में प्रवेश हुई तो सभी चौंक गए। गार्ड भी दौड़ते हुए आए, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि बस में प्रसूता और नवजात बच्ची है तो सभी मदद के लिए आगे आए। बस अस्पताल चौकी गेट के पास लगी और तत्काल चांदनी और उनकी नवजात को मैटरनिटी वार्ड में भर्ती कराया गया। सिविल सर्जन जीएल अहिरवार ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों की स्थिति फिलहाल ठीक है।
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