लखनऊ : नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बुधवार को भी सुनवाई हुई। इसके बाद जजों ने कल के लिए तारीख दे दी है। ऐसे चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने पर रोक लगी रहेगी।
मंगलवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में अभी तक मांगे गए सारे जवाब दाखिल कर दिए गए हैं। इस पर याचियों के वकीलों ने आपत्ति करते हुए सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाने की गुजारिश की, जिसे कोर्ट ने नहीं माना। जिसके बाद बुधवार को भी सुनवाई हुई।
राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि निकाय चुनाव के मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को ही आरक्षण का आधार माना जाए। साथ ही इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। वहीं ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण दिए जाने के मामले में नगर विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार ने हलफनामे में कहा कि इन्हें चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। वहीं सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द निस्तारित किए जाने का आग्रह किया। अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा है कि वह पूरी तैयारी से कोर्ट में आएं।