कैथल: शहर के कलायत अनाज मंडी में पीआर धान खरीद के नाम पर फर्जी गेट पास करने कर सरकार को चूना लगाने का मामला सामने आया है, जहां धान न आने के बावजूद गेट पास जारी किया गया है। जिसके बाद मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ एसडीएम सुशील कुमार और उपायुक्त डा. संगीता तेतवाल ने मार्केट कमेटी सचिव अरविंद श्योकंद, सुपरवाइजर सुरेश शर्मा, दो ऑक्शन रिकॉर्डर सुरेश चोपड़ा व सतबीर सिंह, मंडी एनालिस्ट कुलङ्क्षवद्र सिंह, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर सोमनाथ, उन निरीक्षक सुभाष व कुछ व्यापारियों के साथ-साथ राइस मिल्स के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी है।
बता दें कि इस मामले को लेकर एसडीएम ने उपायुक्त के आदेश पर धान खरीद की आड़ में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी बलदेव सिंह मलिक, हैफड प्रबंधक सुखदीप सिंह और फील्ड इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को शामिल किया गया। जांच टीम की निगरानी एसडीएम के पास रही। अधिकारियों की टीम ने 14 अक्टूबर 2022 को रात्रि करीब 9 बजे अनाज मंडी में दस्तक दी। जांच टीम के समक्ष मार्केट कमेटी अधिकारियों ने गेट पास सूची और नीलामी रजिस्टर पेश किया। इस दौरान जब दस्तावेजों को चेक किया गया तो धान की ढेरियां मौके पर नहीं मिली। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसडीएम ने तुरंत प्रभाव से रिकॉर्ड को कब्जे में ले लिया।
एसडीएम की जांच रिपोर्ट में जो पहलू धान खरीद को लेकर सामने आए उसमें बड़े झोल हैं। इसमें मार्केट कमेटी सचिव ने बतौर सक्षम अधिकारी 14 अक्टूबर 2022 को सहायक सचिव अभिषेक और मंडी एनालिस्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया। हैरत की बात यह है कि इस स्पष्टीकरण नोटिस की पावती 17 अक्टूबर को दर्शाई गई। जबकि स्पष्टीकरण देने की समय सीमा एक दिन निर्धारित थी। इसके साथ ही जो नोटिस मंडी कमीशन एजेंटों को जारी किए गए उनकी तिथि भी अलग-अलग दर्शाई गई।
वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए कैथल उपायुक्त संगीता तेतरवाल ने बताया कि धान के सीजन के दौरान कलायत अनाज मंडी में फर्जी गेट पास धान की फर्जी खरीद दिखाने की की कुछ शिकायतें उनको मिली थी। जिसकी जांच के लिए एसडीएम कलायत को लगाया गया था। जिसकी जांच में पाया गया कि मंडी में फर्जी गेट पास कार कर धान की फर्जी खरीद की गई है। मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं।