नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन और नए साल को लेकर कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर खास निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि पब्लिक हेल्थ मेजर्स को लेकर जरूरी कदम सुनिश्चित किए जाएं और कोरोना रिस्क को कम करने को लेकर टेस्टिंग ट्रैकिंग ट्रीटमेंट (इलाज) टीकाकरण और कोविड अप्रोप्रियेट बिहेवियर अमल में लाया जाए। निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि निगरानी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन को अमल में लाया जाए। इसके साथ ही राज्य यह सुनिश्चित करें कि जिलेवार स्तर पर तमाम अस्पतालों में भर्ती एनफ्लुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर श्वसन रोग संबंधी बीमारी के मरीजों की पहचान हो और उनका कोरोना टेस्ट किया जाए। साथ ही रोजाना इन मरीजों की जानकारी आईएचआईपी पोर्टल पर देना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों से कहा है कि वे अलर्ट रहें और कोरोना को लेकर अपनी तैयारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में टेस्टट्रैकट्रीट और टीकाकरण और कोविड अप्रोप्रियेट बिहैवियर अहम हथियार है। मांडविया ने राज्यों को सलाह दी है कि वो सर्वलांस सिस्टम को मजबूत रखें टेस्टिंग बढ़ाएं और अस्पतालों के इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी तैयारी रखें। राज्य पॉजिटिव सैम्पल को जीनोमिक सिक्वेंसिंग के लिए भेजें जिससे कि नए वेरियंट की पहचान हो सके। राज्यों को गाइडलाइन के हिसाब से टेस्टिंग ज्यादा से ज्यादा करने की सलाह दी गई है। साथ ही कहा गया है कि त्योहारी सीजन में जनजागरूकता अभियान राज्य सरकारें चलाएं। जून 2020 में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ऑपरेशनल गाइडलाइन के हिसाब से राज्य सर्वलान्स स्ट्रेटजी अपनाएं।
निर्देशों में कहा गया है कि टेस्टिंग गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त संख्या में सभी जिलों में आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट किए जाएं। ज्यादा से ज्यादा सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएं जिससे कि वैरियंट की पहचान की जा सके। राज्य ड्राय रनकरके अस्पतालों में सुनिश्चित करें कि कोरोना की लहर अगर आती है तो अस्पतालों में किस हद तक तैयारी है।