Breaking
महाकाल मंदिर में एक श्रद्धालु ने दूसरे का फोड़ा सिर, प्रेग्नेंट पत्नी को धक्का लगने पर हुआ विवाद रेवन्ना मामला: राहुल गांधी ने सीएम सिद्धरमैया को लिखा लेटर, जानें क्या कहा आयरा-नुपूर की शादी का नया वीडियो आया सामने, बेटी की शादी पर खूब रोए थे आमिर खान खूनी झड़प में बदली छात्रों की वर्चस्व की लड़ाई, स्कूल के बाहर चाकूबाजी में दो घायल सत्ता में बने रहने के लिए BJP हिंदुओं में डर पैदा करने की कर रही है कोशिश, फारूक अब्दुल्ला ने साधा न... मई का महीना कूल-कूल… दिल्ली-UP, हरियाणा समेत इन राज्यों में बारिश का अलर्ट, गर्मी से लोगों को मिलेगी... ‘जानते थे फिर भी रेवन्ना को दिया टिकट’… कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत्र का पीएम पर हमला पुंछ में वायुसेना के काफिले पर आतंकी हमला, कई जवान घायल पाकिस्तान में बिरयानी को लेकर बवाल, पैसे मांगने पर भड़के ग्राहकों ने की तोड़फोड़ पलक झपकते पार करते बाइक… मॉडिफाइड कर 5000 में करते थे सेल, पुलिस ने 3 को दबोचा

जानिए कौन है गुरु अंगद देव

Whats App

अंगद देव का पूर्व नाम लहना था. भाई लहणा जी के ऊपर सनातन मत का प्रभाव था, जिस के कारण वह देवी दुर्गा को एक स्त्री एंवम मूर्ती रूप में देवी मान कर, उसकी पूजा अर्चना करते थे.

वो प्रतिवर्ष भक्तों के एक जत्थे का नेतृत्व कर ज्वालामुखी मंदिर जाया करता था. 1520 में, विवाह माता खीवीं जी से हुआ. उनसे उनके दो पुत्र – दासू जी एवं दातू जी तथा दो पुत्रियाँ – अमरो जी एवं अनोखी जी हुई. मुगल एवं बलूच लुटेरों (जो कि बाबर के साथ आये थे) की वजह से फेरू जी को अपना पैतृक गांव छोड़ना पड़ा. इसके पश्चात उनका परिवार तरन तारन के समीप अमृतसर से लगभग 25 कि॰मी॰ दूर स्थित खडूर साहिब नामक गांव में बस गया, जो कि ब्यास नदी के किनारे स्थित था.

बाबा नानक से मिलन और गुरमत विचारधारा से सहमती: एक बार भाई लहना जी ने भाई जोधा जी (सतगुर नानक साहिब के अनुयायी एक सिख) के मुख से गुरू नानक साहिब जी के शबद सुने और शब्द में कहे गए गुरमत के फलसफे से वो बहुत प्रभावित हुए. लहना जी निर्णय लिया कि वो सतगुर नानक साहिब के दर्शन के लिए करतारपुर जायेंगे. उनकी सतगुर नानक साहिब जी से पहली भेंट ने उनके जीवन में क्रांति ला दी. सतगुर नानक ने उन्हें आदि शक्ति या हुक्म का भेद समझाया और बताया की परमेशर की शक्ति कोई औरत या मूर्ती नहीं है बल्कि वोह वो रूप हीन है और उसकी प्राप्ति सिर्फ अपने अंदर से ही की जा सकती है. सतगुरु नानक से भाई लहने ने आत्म ज्ञान लिया जिसने उन्हें पूर्ण रूप से बदल दिया.

वो सतगुर नानक साहिब की विचारधारा के सिख बन गये एवं करतारपुर में निवास करने लगे. वे सतगुर नानक साहिब जी के अनन्य सिख थे. सतगुर नानक देव जी के महान एवं पवित्र मिशन के प्रति उनकी महान भक्ति और ज्ञान को देखते हुए सतगुर नानक साहिब जी ने 7 सितम्बर 1531 को गुरुपद प्रदान किया और गुरमत के प्रचार का जिम्मा सौंपा गया. सतगुर नानक के लडके इस बात से नाराज हुए और गुरु घर के विरोधी बन गए.गुरू साहिब ने उन्हें एक नया नाम अंगद (गुरू अंगद साहिब) दिया. उन्होने गुरू साहिब की सेवा में ६ से 7 वर्ष करतारपुर में बिताये.

22 सितम्बर 1531 को गुरू नानक साहिब जी की ज्योति जोत समाने के पश्चात गुरू अंगद साहिब करतारपुर छोड़ कर खडूर साहिब गांव (गोइन्दवाल के समीप) चले गये. उन्होने गुरू नानक साहिब जी के विचारों को दोनों ही रूप में, लिखित एवं भावनात्मक, प्रचारित किया. विभिन्न मतावलम्बियों, मतों, पंथों, सम्प्रदायों के योगी एवं संतों से उन्होंने आध्यात्म के विषय में गहन वार्तालाप किया.

महाकाल मंदिर में एक श्रद्धालु ने दूसरे का फोड़ा सिर, प्रेग्नेंट पत्नी को धक्का लगने पर हुआ विवाद     |     रेवन्ना मामला: राहुल गांधी ने सीएम सिद्धरमैया को लिखा लेटर, जानें क्या कहा     |     आयरा-नुपूर की शादी का नया वीडियो आया सामने, बेटी की शादी पर खूब रोए थे आमिर खान     |     खूनी झड़प में बदली छात्रों की वर्चस्व की लड़ाई, स्कूल के बाहर चाकूबाजी में दो घायल     |     सत्ता में बने रहने के लिए BJP हिंदुओं में डर पैदा करने की कर रही है कोशिश, फारूक अब्दुल्ला ने साधा निशाना     |     मई का महीना कूल-कूल… दिल्ली-UP, हरियाणा समेत इन राज्यों में बारिश का अलर्ट, गर्मी से लोगों को मिलेगी राहत     |     ‘जानते थे फिर भी रेवन्ना को दिया टिकट’… कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत्र का पीएम पर हमला     |     पुंछ में वायुसेना के काफिले पर आतंकी हमला, कई जवान घायल     |     पाकिस्तान में बिरयानी को लेकर बवाल, पैसे मांगने पर भड़के ग्राहकों ने की तोड़फोड़     |     पलक झपकते पार करते बाइक… मॉडिफाइड कर 5000 में करते थे सेल, पुलिस ने 3 को दबोचा     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374