दिल्ली में अब ओवर टाइम काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी मेहनत का अधिक पैसा मिलेगा। एक दिन में आठ घंटे से अधिक काम करने या एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने को ओवर टाइम माना जाएगा।इसके तहत अगर कोई कर्मचारी ओवर टाइम करता है तो उसे न्यूनतम मजदूरी के आधार पर प्रति घंटे के हिसाब से दोगुना तक अतिरिक्त भुगतान मिल सकता है। कोई भी व्यक्ति एक दिन में 12 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा और न ही लगातार सात दिन ओवर टाइम करेगा। वहीं, एक हफ्ते में 60 घंटे से अधिक कार्य नहीं कर सकेगा। इसी के साथ नियोक्ताओं को कर्मचारियों को साल में कुछ छुट्टियां भी देना अनिवार्य किया गया है।
शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित बैठक में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि किभी भी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को ज्वाइनिंग और अनुभव पत्र (एक्सपीरियंस लेटर) देना अनिवार्य होगा।नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का रिकार्ड दर्ज होना चाहिए, इसी के साथ सभी कर्मचारियों को सैलरी स्लिप जरूर मिलनी चाहिए। जहां भी प्रवासी कर्मचारी कार्यरत होंगे वहां नियोक्ताओं को उन्हें साल में एक बार यात्रा भत्ता देना होगा।इसके लिए नियोक्ताओं को कर्मचारी के लिए कुछ राशि तय करनी होगी। यात्रा भत्ता इतना होना चाहिए कि कोई भी प्रवासी कर्मचारी बस या रेल से यात्रा करते हुए अपने घर आने और जाने का खर्च निकाल सके।
दिल्ली में जितने भी कर्मचारी खतरनाक केमिकल और सामग्री से संबंधित फैक्ट्रियों में काम कर रहे हैं उनकी हर साल मेडिकल जांच कराई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी भी फैक्ट्री संचालक की ही होगी कि वह अपने कर्मचारियों के खून, पेशाब, एक्स-रे अन्य जांच कराने के साथ ही मेडिकल इंस्पेक्टर द्वारा प्रस्तावित जांच कराना सुनिश्चित करे। लोगों को खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए श्रम विभाग के इंस्पेक्टर समय-समय पर फैक्ट्री का निरीक्षण करेंगे और नियोक्ताओं को इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए निर्देश देंगे, जिसका पालन न होने पर नियोक्ता के खिलाफ श्रम विभाग ठोस कदम भी उठाएगा।
किसी भी कंपनी, फैक्ट्री या अन्य कार्यस्थल पर कोई भी दुर्घटना होने पर नियोक्ता को 12 घंटे के अंदर घटना की जानकारी श्रम विभाग को देनी होगी। वह टेलीफोन, मैसेज और ई-मेल के जरिए श्रम विभाग के इंस्पेक्टर और चीफ इंस्पेक्टर से संपर्क कर सकते हैं।किसी भी कर्मचारी की मृत्यु की घटना पर नियोक्ता को इसकी जानकारी देते हुए श्रम विभाग, जिलाधिकारी या उप-खंड मजिस्ट्रेट और पुलिस स्टेशन इंचार्ज और प्रवासी कर्मचारी होने पर उसके राज्य के संबंधित विभाग को नोटिस भेजकर जानकारी देनी होगी।