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मध्य प्रदेश के अफसरों को लुभा रही सियासत

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भोपाल । मध्य प्रदेश के अफसर राजनीति में किस्मत आजमाना चाहते हैं। छतरपुर के लवकुशनगर की एसडीएम निशा बांगरे के बाद अब आईपीएस अधिकारी पवन जैन के चुनाव लडऩे की अटकलें लगाई जा रही हैं। जैन की नजर राजस्थान के राजखेड़ा सीट पर है। ऐसी चर्चा है कि वे चुनाव लडऩे के लिए वीआरएस ले सकते हैं। जानकारी के अनुसार आईपीएस अधिकारी पवन जैन राजस्थान के धौलपुर की राजखेड़ा सीट से चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं। उन्होंने भाजपा से टिकट की दावेदारी की है। पार्टी ने कहा तो वे वीआरएस लेने के लिए भी तैयार है। जानकारी के अनुसार पवन जैन लंबे समय से भाजपा के बड़े नेताओं के करीबी हैं। प्रदेश में करीब दो दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां पर इस बार पूर्व नौकरशाह भाजपा व कांग्रेस के लिए चुनौती देने की तैयारी में लगे हुए हैं। यह नौकरशाह पहले तो इन दोनों ही दलों से प्रत्याशी बनना चाहते हैं, लेकिन अगर टिकट नहीं मिला वे अन्य दलों से भी अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में गुपचुप लगे हुए हैं। ऐसे में यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस बार सत्ता बचाने को बेकरार भाजपा और सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंकने वाली कांग्रेस इन्हें कितनी तबज्जो देती है। इन नौकरशाहों में डिप्टी कलेक्टर, डॉक्टर, प्रोफेसर, टीचर और रिटायर्ड आईपीएस तक शामिल हैं।
चुनाव में उतरने के लिए इन नौकरशाहों की अपनी अलग-अलग रणनीति है। कुछ पद पर रहते हुए राजनीतिक दलों से बनाए गए संबधों का उपयोग अपने टिकट पाने के लिए कर रहे हैं तो कुछ जातिगत और सामाजिक संगठनों की गतिविधियों में सक्रिय होकर टिकट पाने के लिए जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं। प्रदेश की राजनीति की बात करें तो पहले भी कई ब्यूरोक्रेट्स चुनाव लडकऱ विधायक ही नहीं बल्कि मंत्री तक बन चुके हैं। कुछ अभी भी सक्रिय हैं। मुरैना जिले के मुरैना सीट से राकेश सिंह भाजपा की ओर से टिकट मांग रहे हैं। उनके पिता आईपीएस रहे और प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री भी रहे। पिता के बड़े कद और नाम के सहारे राजनीति में सक्रिय हैं। ऐसी ही एक महिला अधिकारी भी अब नौकरी छोडकऱ राजनीति में आने को आतुर  हैं। यह हैं छतरपुर में पदस्थ एसडीएक निशा बांगरे। वे वैसे तो बालाघाट की रहने वाली हैं। उनके पिता रविंद्र बांगरे एजुकेशन विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं।
मंडला आरडी कॉलेज में हिंदी साहित्य के प्रोफेसर के पद से इस्तीफा देकर 2008 में कांग्रेस में शामिल हुए प्रो. संजीव छोटेलाल उईके 2013 में मंडला सीट से विधायक भी रह चुके हैं। उनके पिता भी 1980 से मंडला से सांसद और दो बार के विधायक रहे हैं। 2004 में कांग्रेस की रैली में जाते समय उदयपुरा के पास एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई थी। वे छात्र राजनीति में यूथ कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं। इसी तरह से सारंगपुर क्षेत्र के रहने वाले महेश मालवीय राजगढ़ में ग्राम सेवक थे। अक्टूबर 2018 में इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए। पिछली बार पत्नी कला मालवीय को सारंगपुर से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा चुके हैं। इस बार खुद दावेदारी कर रहे हैं। इसी तरह से मंडला जिले के बम्हनी निवासी आईपीएस एनपी वरकडे अप्रैल 2018 में डीआईजी रीवा के पद से रिटायर हुए तो वे कांग्रेस में शामिल हो गए। दावा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मंडला-डिंडौरी की आठों विधानसभा सीटों से उनका और गुलाब सिंह उईके का नाम भी पैनल में था, लेकिन टिकट कमल मरावी को मिला था।
मंडला जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश तिलगाम भी दो साल पहले इस्तीफा देकर भाजपाई बन चुके हैं। उनके द्वारा बीते माह ही भोपाल में शिवराज सिंह चौहान के सामने पार्टी की सदस्यता ली गई है। इसी तरह से डिंडौरी जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. देवेंद्र सिंह मरकाम  एमपी पीएससी के सदस्य बनाए जा चुके हैं। वे संघ के बेहद करीबी माने जाते हैं। वे इसी साल रिटायर होने वाले हैं। रिटायरमेंट के बाद भाजपा में शामिल होकर जिले की राजनीति में सक्रिय होना चाहते हैं। इसी तरह से बैतूल जिले की भैंसदेही निवासी हेमराज बारस्कर अभी इटारसी में जीएसटी ऑफिसर हैं। वे छात्र जीवन में एबीवीपी से जुड़े रहे। पिता गेंदू बारस्कर और भाई मनीष बारस्कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से वास्ता रखते हैं। उनके पिता की अध्यक्षता में बैतूल में हुए बड़े ङ्क्षहदू सम्मेलन में बतौर मुख्यअतिथी संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हो चुके हैं। वे बीत दो चुनाव से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इसी तरह से छिंदवाड़ा की पांडुर्णा विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं डॉ. प्रकाश उईके अभी दमोह में मजिस्ट्रेट हैं। वे लगातार आदिवासी इलाके में सक्रिय बने हुए हैं। उनकी संघ और जनजातियों के बीच अच्छी पकड़ है।
बता दें, इससे पहले राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस बने वरदमूर्ति मिश्रा ने वीआरएस लेकर अपनी पार्टी बनाई है। वास्तविक भारत पार्टी नाम से उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया गया है। मिश्रा ने 2023 का विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया है।

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