रेलवे की तरफ से यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. सीनियर सिटीजन्स से लकेर देश भर की महिलाओं तक को रेलवे की तरफ से कई खास सुविधाएं मिलती हैं. ट्रेन में हर दिन करोड़ों लोग सफर करते हैं, लेकिन अब महिलाओं ट्रेन में बिना टिकट सफर कर सकती हैं… जी हां, रेलवे की तरफ से महिलाओं के लिए खास सुविधा शुरू की गई हैं, जिसमें आप बिना टिकट भी ट्रेन में सफर कर सकते हैं. इसके साथ ही कोरोना से पहले रेलवे सीनियर सिटीजन्स को भी किराए में छूट का फायदा देता था.
बिना टिकट सफर कर सकती है महिला
रेलवे के नियमों के मुताबिक, अगर ट्रेन में सफर करने वाली किसी महिला के पास टिकट नहीं है तो उसको ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता है. कई बार देखा जाता है कि महिला यात्री को जल्दबाजी में ट्रेन में सफर करना होता है, जिसकी वजह से टिकट नहीं ले पाती है. इस तरह की स्थिति में महिला को ट्रेन से उतारा नहीं जा सकता है.
रेलवे ने बनाए हैं कई फ्रेंडली नियम
रेलवे ने इस तरह की स्थितियों के लिए कई फ्रेंडली नियम बनाए हैं. भारतीय रेल के नियमों के मुताबिक अगर कोई अकेली महिला या अकेला बच्चा रात के समय ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहा है तो टीटीई उसे ट्रेन से नहीं उतार सकता. ऐसा करने पर संबंधित महिला रेलवे अथॉरिटी से संबंधित टीटी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है.
जानें क्या हैं रेलवे के अधिकार?
भारतीय रेलवे में महिला यात्रियों को कई तरह के अधिकार देती है, जिनसे आप यात्रा के दौरान होने वाली दिक्कतों का समाधान कर सकते हैं. रेलवे का यात्री फ्रेंडली एक अन्य नियम ये है कि टिकट जांच करने के लिए टीटीई रात मे सफर के दौरान यात्री को जगाकर, टिकट दिखाने की मांग नहीं कर सकते. रेल के नियम के अनुसार रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक यात्री आराम की नींद ले सकते हैं, लेकिन यह नियम उन यात्रियों के लिए लागू नहीं होता जो रात में ही ट्रेन में सवार हुए हैं.
बता दें वैसे तो अब ये समस्या नहीं होती है क्योंकि लंबी दूरी की लगभग सारी ट्रेनें इंटरकनेक्टेड ही होती हैं. लेकिन अगर आपकी ट्रेन छूट जाती है और कार या बाइक से उसके अगले स्टॉप तक पहुंचते हैं तो भी टीटी आपकी खाली सीट किसी को नहीं दे सकता है. ऐसा 2 स्टेशनों के लिए होता है.