मणिपुर हिंसा के बाद इंफाल में मेती और कुकी समुदायों के सदस्यों ने सुरक्षा उपाय के रूप में अपने घरों के बाहर अपने समुदाय का नाम चिपकाया। कांग्रेस ने गुरुवार को मणिपुर हिसा को पूर्व नियोजित कहते हुए आरोप लगाया कि राज्य में शांति और चैन बनाए रखने के लिए यहां तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता और मणिपुर के पार्टी प्रभारी भक्त चरण दास ने हिंसा में मारे गए लोगों के स्वजनों को 20 लाख रुपए और जिनके घर नष्ट हो गए, उनके लिए पांच लाख रुपए के मुआवजे की भी मांग की। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसा में घायल हुए तमाम लोगों को तत्काल उपचार मिलना चाहिए और लोगों को अपने घरों और आस-पड़ोस में लौटने के लिए सुरक्षित स्थान बनाने की जरूरत है।
हिंसा प्रभावित मणिपुर से 3,583 लोग भागकर मिजोरम गए
मणिपुर में पिछले सप्ताह जातीय हिसा भड़कने के बाद कुल 3,583 लोग भागकर पड़ोसी राज्य मिजोरम जा चुके हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इन लोगों को मिजोरम के छह जिलों में अस्थायी राहत शिविरों में रखा गया है, जबकि कई लोगों को उनके रिश्तेदारों ने आश्रय दिया है। एक बयान के अनुसार, मणिपुर से भागे लोगों में से कुल 1,351 लोगों ने कोलासिब जिले में, 1,214 लोगों ने सैतुअल जिले में और 934 लोगों ने आइजोल जिले में शरण ली है जबकि शेष 84 लोगों ने चम्फाई, सेरछिप और ख्वाजोल जिलों में शरण ली है।
उग्रवादी हमले में मणिपुर पुलिस के कमांडो की मौत
समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, राज्य के बिष्णुपुर जिले के त्रोंग्लोबी में कुकी उग्रवादियों ने गुरुवार को एक पुलिस गश्ती दल पर हमला कर दिया। इस हमले में मणिपुर पुलिस के एक कमांडो की मौत हो गई और चार अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए।