G20 के आधिकारिक कार्यकारी समूह C20 के अन्तर्गत सोमवार राजधानी दिल्ली में भारतीय विद्या भवन से कर्तव्य पथ तक ‘वॉकिंग टूवर्ड्स इनक्लूजन’ के नाम से एक पद यात्रा निकाली गई। G20 (G20 Summit India) के आधिकारिक कार्यकारी समूह C20 की ‘विविधता, समावेश, आपसी सम्मान’ कार्यसमिति के अन्तर्गत इसका आयोजन इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज, भारतीय विद्या भवन एवं कर्मा फाउंडेशन ने किया। इस कार्यक्रम में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की विश्वव्यापी भावना पर बल देते हुए एक समावेशी समाज के निर्माण का संदेश दिया गया।
विभिन्न वर्गों के लोग शामिल
G20 अध्यक्षता के चलते भारत इस साल देश भर में कई कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है। इसी के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी थीं। मीनाक्षी लेखी का स्वागत प्रोफेसर शशि बाला, जागरण न्यू मीडिया के सीईओ भरत गुप्ता, सौरभ गोयल, ज्योति शाह मिश्रा, पायल कौल और ध्वनि जैन ने किया।
समावेशी परंपराओं पर जोर
मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश की समावेशी परंपराओं पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने अष्टावक्र ( दिव्यांग ऋषि, जिन्होंने गीता के श्लोकों का अनुवाद किया था) का उल्लेख देते हुए यह सुझाव दिया कि हम सभी को अक्षमताओं के बजाय क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लेखी ने युवाओं को सिद्धांतों, मूल्यों और नैतिकता को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया और रवींद्र नाथ टैगोर की एक कविता भी सुनाई।
“वॉल ऑफ नोबल थॉट्स” का अनावरण
केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पदयात्रा ‘वॉकिंग टुवर्ड्स इनक्लूजन’ का झण्डा दिखा कर शुभारम्भ किया। इस ध्वज पर विशेष रूप से भारतीय संस्कृति की समावेशी सभ्यता को दर्शाने वाले वैदिक श्लोकों को लिखा गया था। पदयात्रा के समापन पर “वॉल ऑफ नोबल थॉट्स” का अनावरण किया गया, जिसपर सभी सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर अंकित कर इस मुहिम को समर्थन दिया।
कार्यस्थलों में महिलाओं की भूमिका अहमः सौरभ गोयल
इस रैली से पहले उद्योग जगत के गणमान्य महानुभावों के साथ एक ज्ञानवर्धक समूह चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने विविधता और समावेश के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा किया। चर्चा में हैवेल्स इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष सौरभ गोयल ने सत्र की अध्यक्षता की और कॉर्पोरेट जगत के दृष्टिकोण से चर्चा का संदर्भ निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि जिन कार्यस्थलों में नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहतर होता है, वहां लाभ में वृद्धि होती है।
साक्षरता और जागरूकता पर हो फोकस: भरत गुप्ता
कार्यक्रम को जागरण न्यू मीडिया के सीईओ भरत गुप्ता (Bharat Gupta) ने भी संबोधित किया। उन्होंने मीडिया उद्योग की स्थिति का वर्णन किया और डी.ई.आई. के क्षेत्र में जागरण न्यू मीडिया समूह द्वारा की जा रही पहल को बताया। उन्होंने बताया कि शिक्षा, भूगोल, भाषा और लिंग समानता अभी भी प्रमुख चुनौतियां हैं और इस अंतर को पाटने की जरूरत है, खासकर ऐसे समय में जब भारत में 35 साल से कम उम्र की 65 फीसद से अधिक आबादी है। भरत गुप्ता ने कहा कि साक्षरता, जागरूकता और नीतिगत सुधार तीन प्रमुख क्षेत्र हैं जिन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
महिला सशक्तिकरण के प्रयास
वहीं, उत्तराखण्ड के राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति शाह मिश्रा ने उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों की स्थिति के बारे में बताया एवं महिला किसानों की पीड़ा की असली दास्तान लोगों के सामने रखी। ज्योति ने महिला कैदियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जेलों में की जा रही पहलों के बारे में बताया।