इंदौर। मध्य प्रदेश के पहले अंतरराष्ट्रीय मास्टर इंदौर के अक्षत खंपरिया ने हंगरी के बुडापेस्ट में अपना पहला ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल कर लिया है। उन्होंने यहां आयोजित ग्रैंड मास्टर टूर्नामेंट में खिताबी जीत भी हासिल की।
इस जीत से अक्षत को पहला ग्रैंड मास्टर्स नाम मिला है। इस तरह के तीन नार्म मिलते हैं। तीनों नार्म्स मिलने पर खिलाड़ी को ग्रैंड मास्टर का तमगा मिलता है। शतरंज की दुनिया में यह बहुत बड़ा सम्मान होता है।
अक्षत की यह उपलब्धि इसलिए विशेष है क्योंकि वे पिछले 12 साल से बतौर खिलाड़ी शतरंज में सक्रिय हैं। वे मध्य प्रदेश के पहले अंतरराष्ट्रीय मास्टर भी हैं। मगर इससे पहले चार बार वे नजदीकी अंतर से ग्रैंड मास्टर नार्म से चूके थे।
बुडापेस्ट में आयोजित टूर्नामेंट में अमेरिका, यूक्रेन, पोलैंड, सर्बिया, इंग्लैंड, हंगरी, इजराइल और भारत के शीर्ष खिलाड़ी शामिल थे। इनमें तीन ग्रैंडमास्टर्स शामिल थे। अक्षत को टूर्नामेंट में छठी वरीयता दी गई थी। ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल करने के लिए आखिरी दो राउंड में उन्हें 1.5 अंक हासिल करने की जरूरत थी, जो लगभग असंभव सी चुनौती थी। अंत से पहले का राउंड उन्होंने ड्रा खेला, जिसके बाद आखिरी बाजी हर हाल में जीतने का दबाव उनपर बढ़ गया। उन्होंने अंतिम राउंड में हंगरी के एरोन पास्टी को हराकर पूरे अंक अर्जित किए और ट्राफी हासिल की।
शहर और प्रदेश के शतरंज से जुड़े लोगों अचल चौधरी, मुक्तेश सिंह, डा. सुनील के. सोमानी, अनिल फतेहचंदानी ने अक्षत को शुभकामनाएं दीं। इन्होंने कहा कि अक्षत की सफलता से शहर और प्रदेश में शतरंज खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा। अन्य खिलाड़ी भी अब इंटरनेशनल मास्टर और ग्रैंड मास्टर जैसी सम्मानित पदवी के लिए प्रेरित होंगे।