बालाघाट। मौजूदा दौर में परीक्षा परिणामों को लेकर छात्र-छात्राएं इतने संवेदनशील हैं कि फेल होने या कम अंक आने पर वाे गलत कदम उठा बैठते हैं। इस बीच शहर के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालाघाट (एमएलबी स्कूल) की एक भूल सामने आई है, जिसका खामियाजा वहां पढ़ने वाली एक छात्रा को उठाना पड़ रहा है। गृह विज्ञान संकाय से बारहवीं की परीक्षा देने के बाद छात्रा वंदना पिता चैतराम मेरावी को प्रैक्टिकल में 17 अंक प्राप्त हुए थे, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा 17 के बजाय एक अंक दर्ज कर सूची भोपाल भेज दी गई। इसके बाद छात्रा वंदना को उसी विषय में पूरक आ गई। स्कूल प्रबंधन अपनी गलती स्वीकार रहा है, लेकिन छात्रा का कहना है कि अंकसूची में गलत अंक दर्ज होने से वह महाविद्यालय में प्रवेश नहीं ले पा रही है। समस्या के समाधान के लिए वह बुधवार को दूसरी बार कलेक्ट्रेट पहुंची।
कड़ी धूप में बार-बार आना पड़ रहा मुख्यालय
मूलत: बैहर क्षेत्र के ग्राम टाटीघाट निवासी वंदना ने बताया कि वह बालाघाट में छात्रावास में रहती थी। 25 मई को परिणाम घोषित होने के बाद वह 26 मई को स्कूल व कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची थी। बैहर से कड़ी धूप में बार-बार उसे स्कूल प्रबंधन की गलती के कारण परेशान होना पड़ रहा है, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। वंदना के पिता चैतराम मेरावी खेती-किसानी करते हैं। बुधवार को वंदना अपने बड़े पिता के बेटे दिनेश पंद्रे के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं। वंदना बैहर के शासकीय कालेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करना चाहती है।
ऐसे हुई गड़बड़ी
वंदना ने बताया कि पांच विषयों की परीक्षा में उसे एक विषय के प्रायोगिक में 20 में से 17 अंक प्राप्त हुए थे, लेकिन जब अंकसूची मिली तो उसमें 17 के बजाय एक अंक दर्ज थे और सामने सप्लीमेंट्री यानी पूरक लिखा है। इस गलती के कारण उसे बारहवीं में 54.8 प्रतिशत के बावजूद पूरक आ गई। वंदना अपने स्कूल में इकलौती छात्रा है, जिसके साथ ऐसी गड़बड़ी हुई है। वंदना ने इसे लेकर स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया तो उनके द्वारा अंक में संशोधन के लिए भोपाल जानकारी भेजने का आश्वासन दिया गया है।
इनका कहना है..
स्कूल प्रबंधन ये स्वीकारता है कि गलती से प्रैक्टिकल के अंक 17 के बजाय एक दर्ज हो गए हैं। वंदना ने इस बारे में मुझे बताया तो मैंने तत्काल परीक्षा नियंत्रक से कार्रवाई करने कहा है। वैरिफिकेशन के बाद अंकसूची में सुधार कर लिया जाएगा। -डा. मनोज जैन, प्राचार्य, एमएलबी स्कूल बालाघाट