उज्जैन । शहर में बनाया स्नेक इन्फोटेनमेंट पार्क गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव और महापौर मुकेश टटवाल ने लोकार्पित कर आमजन के लिए खोल दिया। पार्क में सांपों से जुड़े हर सवाल का जवाब मनोरंजक एवं वैज्ञानिक तरीके से मिलेगा।
18 प्रजाति के सांपों की सिलिकान बेस्ड प्रतिकृति
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के चलते फिलहाल यहां 18 प्रजाति के सांपों की सिलिकान बेस्ड प्रतिकृति रखी है मगर भविष्य में यहां सजीव सांपों, मगरमच्छों सहित अन्य रेंगने वाले जीवों को जनअवलोकनार्थ रखे जाने की तैयारी की जा रही है।
बसंत विहार कालोनी में बनाया
स्नेक इन्फोटेनमेंट पार्क, सर्प अनुसंधान संगठन के संस्थापक अध्यक्ष डा. मुकेश इंग्ले के अथक प्रयासों का परिणाम है, जो बसंत विहार कालोनी में साकार रूप में दिखाई देता है। इंग्ले ने बताया कि सांपों को फैमिलियर बनाने के उद्देश्य से स्नेक इन्फोटेनमेंट पार्क का निर्माण विभिन्न शासकीय एवं निजी संस्थाओं से लगभग दो करोड़ रुपये की वित्तीय मदद लेकर किया है।
सांपों से जुड़े हर सवाल का जवाब
सांप कब दुनिया में आए, उनका कैसे विकास हुआ, वे क्या खाते हैं, कैसे सुनते हैं, उनके शरीर के किस हिस्से में जहर होता, सांप की कितनी प्रजातियां हैं, सबसे जहरीला सांप कौनसा है, जैसे सवालों का जवाब यहां मनोरंजक एवं वैज्ञानिक तरीक से दिखाने और समझाने की व्यवस्था है। दूसरे चरण में यहां केंद्र सरकार की मदद से पांच करोड़ रुपये खर्च कर सजीव सांपों, कछुआ, मगरमच्छ सहित अन्य रेंगने वाले जीवों को जनअवलोकनार्थ रखे जाने की तैयारी की है। यहां सांपों पर रिसर्च के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
यह भी जानिये
- पूरे विश्व में सांप की 4000 से अधिक प्रजातियां हैं। भारत में 376 प्रजातियां और मध्यप्रदेश में 46 प्रजातियां पाई गई हैं। सबसे जहरीला सांप कामन करेत हैं, जो मध्यप्रदेश में भी पाया जाता है। इनकी अधिकतम लंबाई तीन फीट होती है, जो अमूमन रात में ही देखे गए हैं।
- जहां स्नेक इन्फोटेनमेंट पार्क खोला है वहां पहले सर्प अनुसंधान संगठन ने स्नेक पार्क खोला था, जहां सजीव रुप से शहर और आसपास के क्षेत्रों में घरों से पकड़े गए सांप कुछ दिन जनअवलोकनार्थ रखे जाते थे। इनका रखरखाव खर्च अधिक होने से फिर इन्हें रखना बंद कर दिया था। अब भी संगठन अपने विभिन्न वालेंटियर की मदद से लोगों के घर, दफ्तर में पाए जाने वाले सांपों को पकड़ता है और उनके संरक्षण के लिए निर्धारित क्षेत्रों में छोड़ता है।
- डा. मुकेश इंग्ले ने सांपों की प्रजाति और उनके जीवन पर गहरा शोध किया है। उन्होंने स्वयं अपने जीवनकाल में 4500 से अधिक सांप पकड़े है। खास बात ये है कि उन्हें कभी किसी सर्प ने काटा नहीं।