अभी तक आपने वंदे भारत को पटरी पर तेज रफ्तार से दौड़ते हुए देखा है, लेकिन अब भारतीय रेलवे सफाई के मामले में भी रफ्तार पकड़ चुका है। भारतीय रेलवे ने एक खास योजना बनाई, जिसके तहत वंदे भारत की सफाई महज 14 मिनट में ही हो जाएगी। इसकी शुरुआत दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन से होगी। रेलवे इस तकनीक को जापान के बुलेट ट्रेन से सीखकर लाया है।
1 अक्टूबर यानी कि आज ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के शुरुआत के साथ ’14-मिनट चमत्कार’ योजना को भी शुरू किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्वण ने संवाददाताओं से कहा कि समय पालन में सुधार की पहल के तहत वंदेभारत ट्रेन की सफाई 14 मिनट में की जाएगी। मंत्री ने कहा, ‘‘यह अनोखी अवधारणा है और जिसे पहली बार भारतीय रेलवे में अपनाया गया है।’’
यह पहल जापान के ओसाका, टोक्यो आदि जैसे विभिन्न स्टेशनों पर ‘चमत्कारिक 7 मिनट’ की अवधारणा पर आधारित है, जहां सभी बुलेट ट्रेन को सात मिनट के भीतर साफ करके दूसरी यात्रा के लिए तैयार किया जाता है। रेलवे को एक ट्रेन की सफाई करने में कम से कम 3 घंटे का वक्त लगता है। रेलवे की ओर से इस समय को कम करने की कोशिश की जा रही है। इसकी शुरुआत वंदे भारत एक्सप्रेस से की जा रही है। फिर इस तकनीक का इस्तेमाल बाकी ट्रेनों पर भी किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक वंदे भारत ट्रेन कोच में कुल 4 कर्मचारी सवार होंगे, जिन्हें 1 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। उसका मॉकड्रिल होगा ।
दिल्ली कैंट के अलावा जिन अन्य रेलवे स्टेशन पर इसे शुरू किया जाएगा उनमें वाराणसी, गांधीनगर, मैसुरु और नागपुर शामिल हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘इस अवधारणा की शुरुआत करने से पहले रेलवे ने कुछ अभ्यास (ड्राई रन) किए जिसके तहत परिचारकों ने पहले ट्रेन को लगभग 28 मिनट में साफ किया और फिर सुधार करके इस समय को कम करके 18 मिनट किया। अब बिना किसी नई तकनीक को शामिल किए ट्रेन की सफाई में केवल 14 मिनट लगेंगे।’
मंत्री ने कहा कि बाद में धीरे-धीरे इस अवधराणा को अन्य ट्रेन में भी शामिल किया जाएगा। भारतीय रेलवे ने सितंबर में एक पखवाड़े तक चलने वाला ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरू किया है, जिसके तहत रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने नई दिल्ली स्थित रेल भवन से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से रेलवे अधिकारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।