इंदौर। उपचार की नई तकनीकों पर विश्वभर के डाक्टर रिसर्च करने में जुटे हुए हैं। नई तकनीकों से मरीजों की बड़ी से बड़ी बीमारियों का भी आसानी से इलाज अब उपलब्ध होने लगा है। कैंसर के इलाज के लिए अब सभी तरह की दवाइयां भारत में मिलने लगी हैं। हालांकि जो लोग व्यायाम करते और सक्रिय रहते हैं, उन्हें कैंसर सहित अन्य तमाम बीमारियां कम होती हैं। व्यायाम से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता भी आती है।
यह बात वरिष्ठ यूरोसर्जन डा. महेश देसाई ने इंदौर यूरोलाजी सोसायटी द्वारा होटल शेरेटन ग्रैंड पैलेस में आयोजित वेस्ट जोन चैप्टर के 33वें वार्षिक सम्मेलन यूसीकान 2023 में कही। उन्होंने बताया कि अब पहले के मुकाबले पथरी का उपचार बहुत आसान हो गया है। अब बिना सर्जरी के आसानी से पथरी को बाहर निकाला जाने लगा है। कई लोगों को ऐसा लगता है कि अल्कोहल (बियर) पीने से पथरी निकल जाती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। लोगों में यह भ्रांति। सच तो यह है कि इसके सेवन से पथरी होने की आशंका और बढ़ जाती है।
हर साल दो लाख किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत
कांफ्रेंस में विदेश में रहने वाले भारत के डाक्टर गिल ने मूत्राशय ट्रांसप्लांट की रिसर्च का वीडियो भी दिखाया। हालांकि, अभी यह प्रयोग एक जानवर पर किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में हर साल दो लाख किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है, लेकिन अभी सिर्फ 20 हजार ही हो रहे हैं। कांफ्रेंस में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात एवं गोवा के करीब 600 से अधिक डाक्टर हिस्सा ले रहे हैं। वरिष्ठ यूरोसर्जन डा. सीएस थत्ते ने बताया कि किसी भी रोग में जितनी जल्दी जांच हो, उतना बेहतर।
पेशाब करने में समस्या है तो डाक्टर को दिखाएं
आर्गेनाइजिंग चेयरमैन डा. आरके लाहोटी ने बताया कि पेशाब से संबंधित समस्याएं खासकर पेशाब की रुकावट होने पर नतीजे गंभीर हो सकते हैं। अगर किसी इन्फेक्शन के कारण पेशाब में दिक्कत आ रही हैं, तो यह चिंता का विषय है। पेशाब करने में परेशानी, जलन, रुक-रुक कर आना या अचानक बंद हो जाना, खून का आना, मवाद पड़ना, पेट के निचले हिस्से में भारीपन, ब्लैडर में इन्फेक्शन होना, खांसते व छींकते वक्त पेशाब का निकल जाना, तेज दर्द हो तो तुरंत जांच की जरूरत है।
नजरअंदाज ने करें बीमारी
यूरोसर्जन डा. राजेश कुकरेजा ने बताया कि क्रोनिक प्रोस्टेटाइटिस को क्रोनिक पेल्विक पेन सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसे कतई नजरअंदाज न करें। किशोर से लेकर बुजुर्ग तक किसी भी उम्र के पुरुषों में इसके लक्षण देखे जा सकते हैं। ये एक बार जाने के बाद फिर बिना किसी चेतावनी के वापस आ जाते हैं। इसमें कमर या मूत्राशय क्षेत्र में दर्द या बेचैनी हो सकती है। लक्षणों के आधार पर इस समस्या के लिए कई उपचार हैं। नानवेज खाने से भी कैंसर बढ़ सकता है।