इंदौर। इंदौर से गिरफ्तार नकली नोटकांड का मास्टर माइंड 20 वर्षों से फर्जीवाड़ा कर रहा है। फर्जी डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) बनाने के मामले में दस वर्षों की सजा भी हुई है। पुलिस ने उसका आपराधिक रिकार्ड निकाला है।
अन्नपूर्णा थाने की पुलिस ने आरोपित राजेश बारबड़े, गणेश चौहान, विक्रम नरेश, प्रयेश स्वामी, प्रवीणसिंह को एक लाख 60 हजार रुपये के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस पांच दिन का रिमांड लेकर पूछताछ कर रही है। एडिशनल डीसीपी जोन-4 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक, मास्टर माइंड राजेश के दो आपराधिक प्रकरण मिले हैं।
दस साल की हुई थी सजा
राजेश ने वर्ष 2003 में भोपाल में फर्जी डीडी बनाया था। इस मामले में गिरफ्तारी हुई, लेकिन जमानत पर छूट गया। इसके बाद आरोपित ने वर्ष 2009 में भी देवास में फर्जी डीडी बनाया। मामले में आरोपित को दस वर्ष की सजा हुई, लेकिन हाई कोर्ट से जमानत मिल गई।
कोरोनाकाल में आसाराम आश्रम में रहा
कोरोना काल में आरोपित उत्तराखंड स्थित आसाराम आश्रम में रहा और लौट कर नकली नोट बनाने लगा। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।