रामभक्तों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। अयोध्या में ‘प्रभु श्री राम’ का भव्य मंदिर अब आकार लेने लगा है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया एक्स पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं। तस्वीरों में देख सकते हैं कि भव्य राम मंदिर अब आकार लेने लगा है। बता दें कि राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 से 24 जनवरी 2024 के बीच मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इससे पहले नौ अक्टूबर को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सोमवार को मंदिर निर्माण से जुड़ी कुछ तस्वीरें अपने सोशल मीडिया हैंड एक्स पर शेयर की। तस्वीरों में सिंह द्वारा और नृत्य मंडप की झलकियां दिखाई गई हैं। मंदिर में फर्श पर नक्शाशी का काम चल रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “श्री राम जन्मभूमि मंदिर का भव्य सिंहद्वार, तथा नृत्य मंडप और फर्श पर नक्काशी का कार्य। बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण जल्द पूरा हो जाएगा। राम भक्त इसके लिए बेसबरी से इंतजार कर रहे है।
राम मंदिर पर अब तक खर्च हुए पैसों की जानकारी मिली है। मंदिर के निर्माण में अब तक करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर के निर्माण में अब तक 900 करोड रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 3000 करोड़ रुपये अभी भी राम मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते में सुरक्षित हैं। वहीं, राम मंदिर के गर्भगृह में अगले साल 22 जनवरी को भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। राम मंदिर का निर्माण 2025 तक पूर्ण होगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही है। इसकी पूरी व्यवस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के हाथों में होगी। लेकिन, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले उनके सामने अक्षत चावल का पूजन होगा और उस पूजित अक्षत को भारत के 5 लाख गांव तक भेजा जाएगा।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति की फोटो प्रसाद के साथ राम भक्तों को वितरित की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के समय रामलला का श्रृंगार वस्त्र, पूजा पद्धति और मंत्रोच्चार को लेकर बनाई गई धार्मिक कमेटी ही निर्णय लेगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है। ट्रस्ट ने चल रहे पितृ पक्ष में अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 11 दिवसीय अनुष्ठान की योजना बनाई है। इसके तहत उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।