तभी प्रदीप नाइके का शव हाथ लग गया। थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा का कहना था कि घटना स्थल पर बड़ी चट्टानें होने के कारण परेशानी आ रही है। सोमवार को भी बड़ी संख्या में सिरसोदा गांव के लोग हथनूर घाट पर एकत्र रहे। उनका कहना था कि पुलिस और होमगार्ड के जवान नीचे जाकर गहराई में तलाश नहीं कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि रविवार दोपहर सिरसोदा गांव के प्रदीप नाइके, अविनाश वानखेड़े और तुषार नाइके अपने पाड़ों को नहलाने नदी में पहुंचे थे। इसी दौरान वे भी नहाने के लिए नदी में उतर गए थे।
गहरे पानी में चले जाने से तीनों डूबने लगे थे। आसपास मौजूद मछुआरों व अन्य लोगों ने किसी तरह तुषार को तो बचा लिया था, लेकिन अविनाश और प्रदीप को नहीं बचा सके थे।