रामपुर: समाजवादी पार्टी से विधायक रहे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट बुधवार को फैसला सुना सकती है। इस मामले में अबुद्ल्ला आजम के साथ ही आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फात्मा आरोपी हैं। अब देखना दिलचसप होगा कि अब्दुल्ला आजम को राहत मिलेगी या फिर सजा होगी।
मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का है। उन दिनों अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी थे। इस चुनाव को उनके विरोधी उम्मीदवार और बीएसपी के नेता रहे नवाब काजिम अली खान ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला की उम्र विधायक का चुनाव लड़ने लायक नहीं है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों में अब्दुल्ला की जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 है, जबकि बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को हुआ है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था।
कोर्ट ने पाया था कि साल 2017 में चुनाव लड़ने के दौरान अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी। इसके बाद इस मामले में नया मोड़ तब आया जब रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के गंज थाने में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें आजम और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था।
विधायक आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने बताया कि मंगलवार को अब्दुल्ला की ट्रांसफर अपील सुप्रीम कोर्ट से ख़ारिज हो चुकी है। लिहाजा, विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट बुधवार को दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में फैसला सुना सकती है। उधर संभावित फैसले को देखते हुए रामपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे पहले कोर्ट ने 16 अक्टूबर ता बहस पूरी करने के लिए बचाव पक्ष को समय दिया था, लेकिन बचाव पक्ष की तरफ से और मोहलत की डिमांड की गई थी, लेकिन कोर्ट ने यह अपील ख़ारिज कर दी। कोर्ट ने इस मामले में फैसले के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की थी।