इजराइली-हमास के बीच जारी जंग अब नया मोड़ लेने के लिए तैयार है। युद्धक विमानों ने पूरे गाजा पट्टी के साथ-साथ सीरिया के दो हवाई अड्डों और हमास के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कथित तौर पर उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक मस्जिद को निशाना बनाया है। अब इजराइल की ओर से जंग को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया गया है। दरअसल, इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि उनका देश गाजा में हमले तेज कर रहा है और जमीनी हमले भी किए जाने की संभावना बढ़ रही है ।
16 दिनों से जारी है जंग
इजराइल और हमास के बीच संघर्ष 16 दिन से जारी है और दोनों पक्षों के बीच हो चुके पांच गाजा युद्धों में सबसे घातक है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि गाजा में मरने वालों की संख्या कम से कम 4,651 तक पहुंच गई है, जबकि घेरेबंदी वाले क्षेत्र में 14,254 अन्य लोग घायल हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि सात अक्टूबर को हमास की ओर से इजराइल में किये गये हमले के बाद से, कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हिंसा और इजराइली हमले में 93 फिलिस्तीनी भी मारे गए और 1,650 से अधिक अन्य घायल हो गए हैं। हमास के हमले में इजराइल में 1400 से अधिक लोग मारे गए थे । समझा जाता है कि हमास ने 203 लोगों को बंधक भी बना रखा है।
इजराइली सेना हमास को जवाब देने में पीछे नहीं हट रही है। इजराइली युद्धक विमानों ने गाजा में अल-कुद्स अस्पताल के आसपास बमबारी की है। यहां कई दिन से इजरायल की तरफ से चेतावनी दी जा रही थी। हालांकि, इसमें हताहत के बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं, गाजा के आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि गाजा पट्टी के विभिन्न हिस्सों में घरों पर इजरायली बमबारी की गई, जिसमें करीब 30 फिलिस्तीनी मारे जाने की खबर सामने आई
अमेरिका भी इजराइल के साथ
इजराइल और हमास में संघर्ष के बीच अमेरिका ने खुलेआम इजराइल का साथ दिया है। 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजराइल पर तीन ओर से खूनी हमला किया था, तभी से अमेरिका इजराइल के साथ खड़े होकर हमास के खिलाफ उतर रहा है। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल का दौरा किया और अपना समर्थन जताया। अमेरिका ने बड़े धैर्यपूर्वक इस मामले को हैंडल अभी तक किया है। गाजा सीमा खुलवाकर मिस्र के रास्ते से सहायता सामग्री गाजा तक पहुंचवाने में अमेरिका की पहल कारगर रही। लेकिन हमास, हिजबुल्ला और परोक्ष रूप से अमेरिका के दुश्मन ईरान की ‘कारस्तानियों’ पर अमेरिका ने सीधी चेतावनी दे डाली है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि जंग में किसी भी आतंकी समूह या पक्ष ने किसी अमेरिकी सैनिक पर हमला किया तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।