‘फिलिस्तीन के लोगों को दवाइयों-उपकरणों सहित 38 टन मानवीय सामान भेजा’, इजरायल-हमास युद्ध के बीच UNSC में बोला भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) आर. रवींद्र ने बुधवार को इजरायल-हमास युद्ध के बीच गाजा पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के नई दिल्ली के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि उसने 38 टन मानवीय सामान भेजा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में “फिलिस्तीनी प्रश्न सहित मध्य पूर्व की स्थिति” पर खुली बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रवींद्र ने यह बयान दिया। रवीन्द्र ने कहा कि, “भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को दवाइयों और उपकरणों सहित 38 टन मानवीय सामान भेजा है। हम पार्टियों से शांति के लिए आवश्यक स्थितियां बनाने और सीधी बातचीत को फिर से शुरू करने की दिशा में काम करने का भी आग्रह करते हैं, जिसमें तनाव कम करना और हिंसा जारी करना शामिल है।”
रवींद्र ने कहा, ‘‘भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और संघर्ष में बड़े पैमाने पर आम नागरिकों की मौत से बहुत चिंतित है। बढ़ता मानवीय संकट भी उतना ही चिंताजनक है।” उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बढ़ती शत्रुता ने न सिर्फ गंभीर मानवीय स्थिति को और खराब कर दिया है, बल्कि संघर्ष-विराम की नाजुक प्रकृति को एक बार फिर रेखांकित किया है। रवींद्र ने कहा, ‘‘मौजूदा संघर्ष में नागरिकों का हताहत होना लगातार गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। सभी पक्षों को नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की रक्षा करनी चाहिए। वर्तमान मानवीय संकट से निपटने की जरूरत है।” भारत ने सभी पक्षों से शांति के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाने, तनाव कम करने और हिंसा से बचने सहित सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
रवींद्र ने कहा, ‘‘मौजूदा तनाव ने इजराइल और फलस्तीन के बीच सीधी एवं विश्वसनीय बातचीत को तत्काल फिर से शुरू करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। इन वार्ताओं को फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने के वास्ते हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।” रवींद्र ने कहा कि इजराइल की वैध सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर भारत ने हमेशा इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर बातचीत के जरिये ‘दो-राष्ट्र समाधान’ का समर्थन किया है, जिससे फलस्तीन की एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य देश के रूप में स्थापना हो सके, जो सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर इजराइल के साथ शांति से रह सके।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस दिशा में प्रत्यक्ष शांति वार्ता को शीघ्र फिर से शुरू करने की आवश्यकता दोहराते हैं।” सामान्य स्थिति बहाल करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय और वैश्विक खिलाड़ियों के सभी प्रयासों का स्वागत करते हुए रवींद्र ने इजराइल-फलस्तीन मुद्दे का न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान प्राप्त करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की। परिषद के वर्तमान अध्यक्ष ब्राजील की अध्यक्षता के तहत आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन, फलस्तीन के विदेश मामलों और प्रवासी मंत्री रियाद अल-मलिकी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संबोधित किया।