इंदौर। इंदौर जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। प्रत्याशी दमखम से मैदान में उतर चुके हैं। मजेदार बात यह है कि भाजपा, कांग्रेस दोनों ही ने इस बार जिन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है वे अपने मूल नाम से कम और उपनाम से ज्यादा पहचाने जाते हैं।
कुछ प्रत्याशी तो ऐसे भी हैं जिनका मूल नाम जनता को पता ही नहीं है। प्रत्याशी भी जानते हैं कि अगर उन्होंने मूल नाम को आगे रखकर प्रचार किया तो मतदाताओं के दिलोदिमाग तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
यही वजह है कि ये प्रत्याशी खुद भी अपने मूल नाम को भूलकर उपनाम के भरोसे मैदान में डटे हैं। उन्हें भरोसा है कि जनता उन्हें मूलनाम से भले ही न पहचाने लेकिन उपनाम के भरोसे उनकी चुनावी वैतरणी पार हो ही जाएगी।
विधानसभा क्षेत्र एक
इंदौर एक नंबर विधानसभा से कांग्रेस ने यहां से संजय शुक्ला को मैदान में उतारा है। वे विधानसभा क्षेत्र में मूल नाम के बजाय संजू भैया के नाम से जाने जाते हैं।
विधानसभा क्षेत्र दो
भाजपा की इस परंपरागत सीट से भाजपा ने रमेश मेंदोला को प्रत्याशी बनाया है। क्षेत्र की जनता के बीच वे दादा के उपनाम से पहचाने जाते है। इसी विधानसभा से चिंटू चौकसे कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। क्षेत्र की ज्यादातर जनता को पता ही नहीं है कि चिंटू का असली नाम चिंतामणी है।
विधानसभा क्षेत्र तीन
भाजपा ने यहां से राकेश शुक्ला को टिकट दिया है जो गोलू शुक्ला के नाम से पहचाने जाते हैं। इसी तरह कांग्रेस ने पिंटू जोशी को मैदान में उतारा है। पिंटू का मूलनाम दीपक है। पिंटू और गोलू दोनों ही अपने मूलनाम के बजाय उपनाम से ही पहचाने जाते हैं।
विधानसभा क्षेत्र पांच
यहां मुकाबला भाजपा के महेंद्र हार्डिया और कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल के बीच है। हार्डिया बाबा उपनाम से और पटेल सत्तू उपनाम से पहचाने जाते हैं।
विधानसभा क्षेत्र राऊ
कांग्रेस ने यहां से जितेंद्र पटवारी पर दाव लगाया है जो जीतू उपनाम से पहचाने जाते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में उनका मुकाबला भाजपा के मधु वर्मा से है जो मधु भैया के उपनाम से पहचाने जाते हैं। इसी तरह भाजपा ने महू विधानसभा क्षेत्र से उषा ठाकुर को टिकट दिया है जो मूलनाम के बजाय दीदी उपनाम से पहचानी जाती हैं।