ग्वालियर। रेलवे की ओर से झांसी से दिल्ली के बीच रेल ट्रैक पर थिक वेब स्विच लगाए जा रहे हैं। इसके लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी। पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं। अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है, लेकिन अब थिक वेब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है। थिक वेब स्विच लगाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी।
थिक वेब स्विच को स्पेशल ढंग से किया जा रहौ डिजायन
इससे लगने से अभी तक ग्वालियर से दिल्ली के सफर में जो छह घंटे का समय लगता है, उसमें मात्र चार घंटे का समय लगने लगेगा। थिक वेब स्विच को इस तरह से डिजायन किया गया है कि यह कंक्रीट स्लीपरों पर आसानी से लगाया जा सकता है। थिक वेब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी आयु को भी बढ़ाता है और तेज गति में ट्रेन के कंपन को भी कम करता है। जहां पर ट्रेन को एक लाइन से दूसरी लाइन पर लिया जाता है, उसे फेसिंग पाइंट कहते हैं। ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए इनका मजबूत होना जरूरी है। थिक वेब स्विच परंपरागत स्विच की तुलना में मोटा, डबल लाकिंग और स्प्रिंग सेटिंग से बना होता है। इसके ऊपर से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों को पता तक नहीं चलता कि उनकी ट्रेन फेसिंग पाइंट से गुजरी है और उन्हें कोई झटका भी महसूस नहीं होता है। झांसी से दिल्ली तक जाने में अभी भी सुपरफास्ट ट्रेनों को लगभग छह घंटे का समय लग जाता है। इनमें पंजाब मेल, केरला एक्सप्रेस, मंगला एक्सप्रेस, तमिलनाडु एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस, श्रीधाम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों की रफ्तार तो तेज होती है, लेकिन मोड़ अथवा ट्रैक बदलने पर इनकी गति धीमी हो जाती है।