कतर की एक अदालत ने भारतीय नौसेना के जवान रहे आठ लोगों को मौत की सजा सुनाई है। ये भारतीय एक साल से कतर की कैद में थे और भारत के कई अनुरोध को खारिज कर दिया गया था। कतर ने नौसना के पूर्व जवानों पर आरोप लगाया है कि वो सबमरीन प्रोग्राम को लेकर जासूसी कर रहे थे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम कानूनी टीम के संपर्क में हैं. अब कतर की अदालत के फैसले को भारत चुनौती देने जा रहा है। इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और विस्तृत फैसले की कॉपी का हम इंतजार कर रहे हैं.
ये पूर्व भारतीय नौसैनिक एक समय में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर काम कर चुके हैं। ये अभी दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे। यह एक प्राइवेट कंपनी है जो कतर की सेना को ट्रेनिंग देने का काम करती है। उनकी दया याचिका को अब तक कई बार खारिज किया गया था। भारत ने कहा कि हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और करीबी नजर बनाए हुए हैं। हम सभी तरह की काउंसलर और कानूनी सहायता मुहैया कराते रहेंगे। हम इस पूरे मामले को कतर की सरकार से उठाते रहेंगे। इससे पहले कतर में भारत के राजदूत और उनके डेप्युटी ने 1 अक्तूबर को जेल में इन पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की थी। कतर ने इनके लिए काउंसलर एक्सेस मुहैया कराया था। कतर ने कभी भी भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोप का डिटेल नहीं दिया है।