इंदौर। धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस इस वर्ष 10 दिसंबर को है। धार्मिक के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। उस समय उनके हाथ में अमृत कलश भी था। इसलिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस कहा जाता है। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, धनतेरस की तिथि पर शुभ प्रीति योग बन रहा है। इस योग में खरीदारी करने से घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है। आइए, जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त और शुभ योग।
धनतेरस शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 10 नवंबर को दोपहर 12.35 बजे होगा। यह तिथि 11 नवंबर को दोपहर 1.57 बजे समाप्त होगी।
धनतेरस पूजा मुहूर्त
धनतेरस की तिथि पर पूजा का सही समय शाम 5 बजकर 47 मिनट से 7 बजकर 43 मिनट तक है। आप इस अवधि के दौरान पूजा-पाठ कर सकते हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय- सुबह 06:39
सूर्यास्त – शाम 5.30 बजे
चंद्रोदय: प्रातः 4:32 बजे (11 नवंबर)
चन्द्रास्त – अपराह्न 3.45 बजे
धनतेरस शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:54 से सुबह 05:47 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 1.53 बजे से दोपहर 2.37 बजे तक।
गोधूलि बेला – शाम 5.30 बजे से शाम 5.56 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक।
प्रीति योग
धनतेरस की तिथि पर प्रीति योग बन रहा है। यह योग शाम 05:06 बजे के बाद बन रहा है। यह योग पूरी रात रहेगा। इस योग में पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होगी। यह अवधि खरीदारी के लिए भी अच्छी है। इस योग में शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’