केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के ‘प्री-पेड सीएम’ हैं और उनके टॉकटाइम की वैधता समाप्त हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का एटीएम बना दिया है। शाह ने यहां पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में विजय संकल्प महारैली को संबोधित करते हुए कहा, “अगर बघेल फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं, तो रोजाना ‘प्री-पेड’ कार्ड स्वैप करके हजारों करोड़ रुपये निकाले जाएंगे।”
आपका वोट छत्तीसगढ़ के भविष्य को आकार देगा
अमित शाह ने अपने संबोधन में मंत्री ने जनता से 7 नवंबर (पहले चरण) के चुनाव में पंडरिया से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार भावना बोहरा को वोट देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जब आप सभी वोट करने जाएं तो किसी विधायक या मंत्री को चुनने के लिए वोट न करें। आपका वोट छत्तीसगढ़ के भविष्य को आकार देता है। आपका वोट नक्सलवाद को खत्म करने और आदिवासी क्षेत्र को एक विकसित क्षेत्र बनाने के लिए है।”
बघेल कांग्रेस के प्री-पेड सीएम हैं
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता को लूट रहे हैं। जो व्यक्ति अपनी राजनीति बढ़ाना चाहता है वह छत्तीसगढ़ का कल्याण नहीं कर सकता। इसलिए मैं कहता हूं कि वह कांग्रेस के ‘प्री-पेड सीएम’ हैं। गलती से भी अगर भूपेश बघेल दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे तो प्रीपेड कार्ड स्वैप कर रोज हजारों करोड़ रुपए निकालेंगे। अगर ये सारा पैसा दिल्ली चला जाएगा तो छत्तीसगढ़ का विकास कैसे होगा?”
कांग्रेस ने पांच साल में कई घोटाले किए
उन्होंने अपने हमले को और तेज करते हुए कहा कि प्री-पेड सीएम की वैधता अब खत्म हो गई है। उन्होंने कहा, ”इन (प्री-पेड) सीएम की वैधता इतनी ही थी, बात करने का समय भी इतना ही था। जिस तरह पैसे खत्म होने पर प्री-पेड सिम कार्ड काम करना बंद कर देता है, उसी तरह इस सीएम का समय होगा। शाह ने आगे कहा, “पैसा कब खत्म होगा। उन्होंने पांच साल में कई घोटाले किए हैं ताकि उनका समय खत्म न हो।”
कब होंगे छत्तीसगढ़ में चुनाव
बता दें कि, 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में होंगे, जिसमें 20 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा और शेष 70 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 2018 के चुनाव में कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 90 में से 68 सीटें जीतकर सत्ता में आई। पार्टी का वोट शेयर 43.9 फीसदी था। बीजेपी ने 15 सीटें जीतीं और उसका वोट शेयर 33.6 फीसदी रहा।