बालाघाट। एक नवंबर की शाम रेलवे स्टेशन रोड मार्ग के पास एक मकान में दो बुजुर्ग महिलाओं की निर्मम हत्या करने वाला आरोपित दो दिन बाद गिरफ्तार हुआ था, लेकिन दस दिन बाद इस मामले में गुरुवार को नया खुलासा हुआ है।
मृतकाओं के स्वजनों के मुताबिक, जिस घर में चंद्रावंती बाई और उसकी बेटी फुलवंती बाई की हत्या हुई थी, वहां मृतकाओं सहित उनके परिवार की महिलाओं के जेवर रखे थे, जो घटना के बाद नहीं मिले।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक, आरोपित संतोष पिता रामचरण लिल्हारे निवासी ग्राम नैतरा थाना नवेगांव ने एक नवंबर की शाम पैसों के लालच में अपनी नानी चंद्रावंती बाई और मौसी फुलवंता बाई की हथौड़े से वार कर बेरहमी से हत्या की थी।
हत्या करने के बाद आरोपित ने घर में रखा लगभग 15 तोला सोना और 250 ग्राम चांदी के आभूषण चुराए थे और मौके से फरार हो गया था। जानकारी के अनुसार, आरोपित हत्या के बाद नैतरा स्थित अपने घर गया, खून से सने कपड़े और हथौड़ा धोया और चोरी किए आभूषणों को घर के पास चल रहे निर्माण स्थल के पास पालीथिन में बंदकर गिट्टी के नीचे दबा दिया था।
चोरी किए आभूषणों में मंगलसूत्र, सोने की अंगूठी, चेन, पायल आदि सामग्री है, जिनकी कीमत दस लाख रुपये बताई गई है। इससे पहले जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपित को हिरासत में लिया था, तब उसने अपनी नानी व मौसी की हत्या करना कबूलने के साथ एक साेने की चेन और 800 रुपये नकद चुराना बताया था।
मृतिकाओं के परिजनों के कथनों के आधार पर जेवर बरामदगी के लिए माननीय न्यायालय से आरोपित संतोष लिल्हारे को दोबारा पुलिस रिमांड में लिया गया, जिसने बड़ी मात्रा में सोने व चांदी के जेवर चुराने का राज उगला। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर जेवर जब्त किए हैं।