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Chhath Puja 2023: छठ महापर्व की धूम शुरू, रतलाम में झाली तालाब और हनुमान ताल पर देंगे सूर्य को अर्घ्य

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रतलाम। सूर्य उपासना और आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत शुक्रवार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय खाय से शुरू होगी। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपन्न किया जाएगा। पर्व में सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाएगी।

इस वर्ष छठ पर्व की पूजा 17 नवंबर से प्रारंभ होगी। समापन 20 नवंबर को होगा। बिहार में यह पर्व विशेष तौर पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर बसे बिहारी भी परंपरानुसार छठ महापर्व मनाते हैं। यह व्रत संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है।

छठ पर्व षष्ठी तिथि से दो दिन पहले यानि चतुर्थी से नहाय-खाय से आरंभ होगा और इसका समापन सप्तमी तिथि को पारणा करके किया जाएगा। छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलेगा। इस पर्व में मुख्यतः सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है।

पर्व में कब-क्या होगा

इस साल नहाय-खाय 17 नवंबर को हैं। इस दिन सूर्योदय 6:45 बजे होगा वहीं, सूर्यास्त शाम 5:44 बजे होगा। इस साल खरना 18 नवंबर को हैं। इस दिन का सूर्योदय सुबह 6:46 बजे और सूर्यास्त शाम 5:44 बजे होगा। खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं। इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। इस दिन सूर्यास्त शाम 5:44 बजे होगा।

यहां दिया जाएगा अर्घ्‍य

शहर में कालिका माता मंदिर परिसर स्थित झाली तालाब, रत्नपुरी 80 फीट रोड स्थित हनुमान ताल पर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारणा होता है। इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 6:47 बजे होगा। इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है। अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारणा करेंगी।

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