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Chhath Puja 2023: छठ पर्व में आज दूसरे दिन खरना में नए चूल्हे पर बनेगा प्रसाद, इन बातों की रखें सावधानी

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इंदौर। हिंदू धर्म में दीपावली के बाद सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से छठ पर्व मनाया जाता है, जो 4 दिनों तक चलता है। छठ पर्व के दौरान पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना और अन्य दो दिन डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में आज 18 नवंबर को रखना की रस्म होगी।

आज सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

छठ पूजा के दूसरे दिन आज खरना की रस्म होगी। खरना के दौरान भी सूर्योदय और सूर्यास्त का समय का विशेष ध्यान रखा जाता है। आज खरना के दिन सूर्योदय सुबह 06.46 मिनट पर होगा। वहीं सूर्यास्त शाम 05.26 मिनट पर होगा।

नए चूल्हे पर बनता है छठी माता का प्रसाद

खरना के दिन घर की महिलाएं उपवास रखती हैं और शाम को नए चूल्हे पर पहली बार छठी माता के लिए प्रसाद बनाती है। इस दौरान आम की लकड़ी जलाई जाती है और गुड़ से खीर का प्रसाद तैयार किया जाता है। खरना के दिन तैयार किए गए इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। इसके बाद व्रत का पारण अंतिम दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • छठ पूजा के दौरान पवित्रता और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • खरना के दिन सूर्योदय से पहले घर की अच्छे से साफ-सफाई कर ली जाती है।
  • जहां रोज खाना बनाते हैं, वहां खरना का प्रसाद तैयार नहीं किया जाता है।
  • प्रसाद बनाने के लिए घर के किसी नए व स्वच्छ स्थान का चयन करें।
  • उपवास करने वाली महिलाओं के साथ परिवार के अन्य लोगों को भी लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • व्रत करने वाले सभी लोगों को बिस्तर के बजाय जमीन पर सोना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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