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शाजापुर में बदलते मौसम में बिगड़ रही लोगों की सेहत, डाक्टरों की सलाह- पानी उबालकर पीएं

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शाजापुर। नवंबर की शुरुआत होते ही मौसम के अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। कभी गर्मी, कभी बारिश तो कहीं गुलाबी ठंड का एहसास हो रहा है। पल-पल बदलता मौसम लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। जिला अस्पताल में सर्दी-खांसी, बुखार, बदन दर्द, सर दर्द, बीपी के मरीजों की संख्या अचानक वृद्धि होने लगी है।

अन्य दिनों के मुकाबले ठंड बढ़ने के बाद से मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में सामान्य दिनों में प्रतिदिन 550 से 600 मरीज रोजाना आते थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 700 से ज्यादा पहुंच रही हैं। सभी उम्र के लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मौसम लगातार बदल रहा है और तापमान में गिरावट आ रही है। इस कारण शीतकाल में बुखार और सर्दी-जुकाम की शिकायत बढ़ने लगी है।

मौसम बदलते ही खांसी, बुखार, सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में इन बीमारी से जूझ रहे औसतन 20 फीसदी मरीज पहुंच रहे हैं। इसी तरह अन्य सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है।

बच्चों व वृद्धों की सेहत का ध्यान रखें

शाजापुर के शासकीय अस्पतालों के अलावा निजी चिकित्सालय में भी मरीज बड़ी संख्या में बीमारी से निजात पाने के लिए पहुंच रहे हैं। शहर के नजदीक अन्य शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी प्रतिदिन खांसी, बुखार से पीड़ित मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं।

जिला अस्पताल के अंतर्गत कई गांव शामिल हैं। आसपास के गांवों से भी मरीज अपना इलाज कराने के लिए यहां आते हैं। मौसम में बदलाव के चलते सर्दी-खांसी के मरीज अधिक आ रहे हैं। डाक्टर की सलाह है कि बीमारियों से बचने के पानी छानकर व उबालकर पीये।

मच्छरों से बचाव करें। ताजा व पौष्टिक खाना खाएं, बाहर का खाने से परहेज करें। बच्चों व वृद्धों की सेहत का विशेष ध्यान रखें। बदलते मौसम में लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। दिन में गर्म और सुबह-शाम ठंड का ये मौसम बुखार, जुकाम और खांसी-गले में खराश जैसी दिक्कतों का कारण बन सकती है। ऐसे खान पान और सेहत का ख्याल रखना ही इसका बचाव है।

अस्थमा का खतरा भी बढ़ा

बढ़ती ठंड अस्थमा मरीजों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है। चिकित्सकों के मुताबिक ठंड के कारण लोगों का अधिक समय घर के भीतर बंद कमरों में बीतता है। ऐसे में बाहरी हवा के कमी और बढ़े प्रदूषण के कारण अस्थमा की समस्या या आघात का जोखिम रहता है। सर्दियों में हवा में शुष्कता के कारण सांस लेने की समस्या भी बढ़ सकती है, जो अस्थमा रोगियों के लिए जटिलताएं बढ़ा सकती है।

जिला अस्पताल में मौसम बदलने से सर्दी-खांसी, बुखार और बीपी के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। दीवाली के बाद और ठंड बढ़ने के बाद से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सामान्य दिनों में प्रतिदिन 550 से 600 मरीज रोजाना आते है। मौसमी बीमारी से बचाव के लिए ताजा व पौष्टिक खाना खाएं, बाहर का खाने से परहेज करें। बच्चों व वृद्धों की सेहत का विशेष ध्यान रखें। -सचिन नायक, आरएमओ जिला अस्पताल शाजापुर

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