इंदौर। हिंदू धर्म में शादी के बाद होने वाली रस्मों के भी बहुत अहम मायने हैं। हम शादी के बाद बिना समझें कई सदियों से इन रस्मों को करते आ रहे हैं। इनमें से बेटी की विदाई के बाद घर में झाड़ू न लगाने की भी परंपरा है। ऐसा मानना है कि विदाई के बाद झाड़ू लगाने पर वैवाहिक जीवन परेशानियों से घिरा हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र में इसकी बहुत मान्यता है। शास्त्री विनोद सोनी पोद्दार जी से इसके कारणों के बारे में समझते हैं।
शादी के बाद दुल्हन के विदा होने पर क्षण बहुत मार्मिक हो जाता है। दुल्हन पहली बार ससुराल जाने वाली होती है। दुल्हन के घर से निकलने के बाद झाड़ू करना बहुत ही नकारात्मक बताया जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा में बाधा पहुंचाती है। ज्योतिष शास्त्र में मानना है कि बेटी के घर से जाने के बाद भावनात्मक ऊर्जा अपने उफान पर होती है, ऐसे में झाड़ू लगा देना अपशगुन हो जाता है।
झाड़ू क्यों नहीं लगानी चाहिए
ज्योतिष में मान्यता है कि घर में से किसी के जाने के तुरंत बाद झाड़ू लगा देना यह दिखाता है कि आप नहीं चाहते हैं कि वह दुबारा घर में न आए। बेटी के विदाई के बाद यह करना भी वैसा ही माना जाता है। विदाई के समय ऐसा करना बेटी को सौभाग्य से दूर कर सकता है।
झाड़ू न लगाने का मुख्य कारण
ज्योतिष में माना जाता है कि जब किसी की मृत्यु होती है और शव को घर से ले जाता है तब झाड़ू लगाई जाती है, जिससे घर की शुद्धि की जा सके। यही कारण है कि बेटी जाने के बाद झाड़ू लगाने यह दर्शाता है कि आप नहीं चाहते कि वह दुबारा इस घर में आए। आपकी इस कदम से बेटी के जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।