सीहोर/इछावर। दो साल से अधिक समय बीत गया है, लेकिन जिले में बनाए गए 200 स्वच्छता परिसर ताले में कैद है। हालत यह है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए यह सामुदायिक शौचालय खंडहर होना शुरू हो गए है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। यही कारण है कि लोगों की सुविधा व स्वच्छता के साथ खुले में शौच मुक्त करने के लिए बने यह स्वच्छता परिसर बेकार साबित हो रहे हैं।
स्वच्छता मिशन के तहत घोषित ओडीएफ पंचायतों में रहने वाले ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। वजह है कि इन पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए स्वच्छता परिसरों में ताला डला होना और कुछ का तो अभी से क्षय होना भी शुरू हो चुका है, तो कहीं गंदगी का अंबार है और कई जगह तो इन स्वच्छता परिसरों को कागज में ही पूर्ण होना दर्शा दिया गया है। जबकि कई स्वच्छता परिसर अभी भी पूरे तरीके से तैयार नजर नहीं आ रहे है।
जब इस संबंध में जिम्मेदारों से बात की गई तो उनका कहना है कि ग्रामीण सामुदायिक स्वच्छता परिसर से सामान चोरी कर ले जाते हैं इसलिए हमने उस में ताला डाल रखा है। इस पर ग्रामीणों का कहना है कि अगर स्वच्छता परिसर में ताला ही डालना था तो उसे बनाया ही क्यों, यहां स्वच्छता परिसर महज शोपीस बनकर खड़े हैं, तो कईयों जिम्मेदारों ने कहा कि पंचायत में पानी की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और पंचायत के पास अलग से पानी उपलब्ध कराने हेतु कोई बजट का प्रविधान नहीं है।
कहां से कराएं पानी व सफाई कर्मी का इंतजाम
जनपद पंचायत इछावर के आदिवासी अंचलों की पंचायत सहित कई पंचायतों में सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया गया जिन पर ग्रामीणों ने बताया कि अफसरों के दबाव में सरपंच सचिव ने आनन-फानन में स्वच्छता परिसर बनाकर तैयार कर दिए, लेकिन इनके संचालन के लिए अलग से कोई राशि की व्यवस्था नहीं की गई है। सफाई और सफाई कर्मचारी पर होने वाले वे को लेकर पंचायत सचिव और सरपंच दोनों असमंजस में हैं।
सरपंच, सचिव पर हेराफेरी के आरोप
सामुदायिक स्वच्छता परिसर में मूलभूत उपकरणों के अभाव देखे जा रहे हैं, जिसके चलते इन परिसरों में न तो पानी की टंकी रखी गई है और न ही नल फिटिंग की कोई उचित व्यवस्था की गई है। ज्यादातर स्वच्छता परिसरों के नल व पाइप लाइन सहित शौच करने वाली सीट तक फूटी देखने को मिली जिस पर पंचायत सचिवों का कहना है कि हमारे द्वारा उच्च गुणवत्ता युक्त स्वच्छता परिसर का निर्माण किया गया था, लेकिन पंचायत के अराजक तत्वों द्वारा इसमें तोड़फोड़ सहित चोरी की घटना को अंजाम दिया गया।
जबकि ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव ने कभी स्वच्छता परिसर में पानी की टंकी सहित नलों में टोटी लगाई ही नहीं और अब यह ग्रामीणों पर चोरी के निराधार झूठे आरोप लगा रहे हैं सरपंच और सचिव दोनों ने मिलकर स्वच्छता परिसर में गड़बड़ी की है।
सभी पंचायतों को सामुदायिक स्वच्छता परिसर में साफ-सफाई सहित व्यवस्थाएं दुरुस्त कराकर उन्हें जल्द ही चालू कराया जाएगा। हालांकि ताले डले हुए है यह बात सही है, लेकिन वह क्षतिग्रस्त नहीं हुए है। पंचायतों से आडिट के बाद इनके संचालन शुरू कराया जाएगा। -आशीष तिवारी, सीईओ, जिला पंचायत सीहोर