स्कूल में जब हिस्ट्री का विषय पढ़ाया जाता था तो उस में मुग़ल हिस्ट्री का जिक्र सब से ज्यादा होता था। लेकिन हाल ही में हुए इंडिया और भारत, देश क नाम को लेकर विवाद में NCERT ने एक बड़ा फैसला लेते हुए किताबों में भारत की हिस्ट्री पर ज्यादा जोर देने की बात की थी। बता दें कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के सिलेबस में अब से रामायण और महाभारत को भी पढ़ाया जाएगा।
NCERT की 7 सदस्यीय हाई लेवल पैनल ने सोशल साइंस की किताबों में रामायण और महाभारत के पाठ को पढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। पैनल के अध्यक्ष सी आई इसाक ने साथ ही बताया कि सिफारिशों में देश की सभी क्लास की दीवारों पर ” The preamble of the constitution” को स्थानीय भाषा में अंकित कर बच्चों को इसके बारे में बताना भी शामिल किया है। इसके अलावा पैनल के इतिहास को चार अवधियों में क्लासिफाइड करने को भी कहा है।
पहले इतिहास की किताबों को तीन भागों में क्लासिफाइड किया गया था जो कि प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत के भागों में था। लेकिन अब इतिहास को चार भागों बांटा जाएगा प्राचीन काल, मध्यकालीन काल, ब्रिटिश युग और आधुनिक भारत। इससे पहले भी पैनल ने एक बड़े बदलाव करने की कोशिश की थी। पैनल के परसताव के मुताबिक पुस्तकों में देश का नाम ‘इंडिया’ से बदलकर ‘भारत’ करने को कहा था।इसके इलावा प्राचीन इतिहास के बजाय ‘शास्त्रीय इतिहास’ को शुरु करने की अपील की थी।
इसके साथ ही पैनल ने कक्षा 3 से 12 तक की पुस्तकों में मुग़ल हिस्ट्री की जगह हिन्दू हिस्ट्री , उनकी सफलता के बारे में पढ़ने का प्रस्ताव रखा था। पैनल के अध्यक्ष ने constitution पर भी जोर देते हुए, इसकी महत्वता बताई थी उन्होंने कहा constitution लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसे सामाजिक मूल्यों को रेखांकित करता है। इस लिए देश केे बारे में बेहतर तरीके से समझने के लिए इसे कक्षा की दीवारों पर प्रदर्शित करने को कहा।
इस समिति को NCERT की किताबों में नया बदलाव हेतु पिछले साल ही बनाया गया था। हालांकि, NCERT का अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। National Education Policy (NEP) 2020 के अनुसार NCERT की पुस्तकें में आने वाले नए सेशन से बदलाव की उम्मीद है। अलग- अलग कक्षाओं के सिलेबस के लिए , पुस्तकों और स्टडी मेटेरियल को अंतिम रूप देने के लिए जुलाई में नियुक्त की गई 19 सदस्यीय National Curriculum and Teaching Teaching Material Committee (NSTC) ने पैनल की सिफारिशों पर विचार करने का भी सोच सकती है।