जबलपुर। अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार की अदालत ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पाटन निवासी बृजेश ठाकुर व पंचम ठाकुर को मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आठ-आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। तीसरे दोषी बाली ठाकुर को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई और 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संदीप जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 15 जनवरी, 2023 की शाम करीब छह बजे पीड़िता नहर की तरफ घूमने गई थी। उसी समय आरोपित पंचम ठाकुर अपने दोस्त बाली व बृजेश ठाकुर के साथ मोटर साइकिल से पहुंचा। पंचम ने पीड़िता को मौसी के घर छोड़ने की बात कहकर अपने साथ चलने के लिए कहा। जिस पर पीड़िता आरोपितों के साथ बाइक पर बैठ गई।
आरोपित उसे लेकर उर्रम के जंगल की ओर गए। वहां मोटर साइकिल रोककर पंचम ने पीड़िता से कहा कि वह उसे पसंद करता है और शादी करना चाहता है। उसके मना करने पर आरोपित पंचम ने दुष्कर्म किया। रात में जब ठंड बढ़ने लगी तो पंचम लकड़ी लेने चला गया। इसका फायदा उठाते हुए आरोपित बाली ने पीड़िता के दोनों हाथ पकड़ लिए और बृजेश ठाकुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
आरोपितों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद पीड़िता को उसकी मौसी के घर छोड़ा और उसे किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दी। जब पीड़िता के मामा उसकी तलाश करते हुए मौसी के घर पहुंचे तब उसने अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद मामले की शिकायत चरगवां थाने में दर्ज कराई गई। सुनवाई के बाद अदालत ने तीनों आरोपितों को सजा सुना दी।