इंदौर। जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 92 प्रत्याशियों के ईवीएम में बंद भाग्य का फैसला रविवार को सामने आ जाएगा। जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों महू और देपालपुर में त्रिकोणीय मुकाबला है। अन्य सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला है। इंदौर-एक के परिणाम पर भी प्रदेश के साथ ही देशभर की नजरें रहेंगी। यहां से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। दस साल बाद प्रदेश की राजनीति में वापसी करने वाले विजयवर्गीय का मुकाबला मौजूदा विधायक संजय शुक्ला से है। पूरे चुनाव में इस सीट की खासी चर्चा रही थी।
जिले के दो ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र महू और देपालपुर में मुकाबला त्रिकोणीय होने के कारण रोचक हो गया है। महू में कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार इस बार कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा और प्रत्येक बूथ के मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाई। यहां से कांग्रेस ने रामकिशोर शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, भाजपा ने वर्तमान विधायक उषा ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है। ठाकुर का भी भाजपा में शुरुआती दौर में विरोध रहा था।
देपालपुर में चौधरी ने बढ़ाई परेशानी
विधानसभा क्षेत्र देपालपुर में भी मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां कांग्रेस ने वर्तमान विधायक विशाल पटेल को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने मनोज पटेल को अवसर दिया है। इसी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से टिकट मांग रहे राजेंद्र चौधरी ने टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय के रूप में नामांकन जमा कर दिया। विगत कई सालों से सक्रिय राजेंद्र चौधरी को युवाओं के वोट अधिक मिलने की बात कही जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र तीन, पांच और राऊ में टसल
विधानसभा क्षेत्र इंदौर-तीन में इस बार भाजपा से गोलू शुक्ला और कांग्रेस से पिंटू जोशी मैदान में है। दोनों ही पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे छोटी विधानसभा को लेकर भी लोगों की खास रुचि है। वहीं विधानसभा चुनाव 2018 में सबसे कम अंतर वाले विधानसभा क्षेत्र इंदौर-पांच पर भी लोगों की खास नजर रहेगी। कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल और भाजपा प्रत्याशी महेंद्र हार्डिया के बीच ही मुख्य मुकाबला है। राऊ में भी 2018 की तरह कांग्रेस से जीतू पटवारी और भाजपा से मधू वर्मा चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर भी शहर के लोगों की खासी रुचि है। सांवेर, इंदौर-दो और इंदौर-चार में जीत की लीड घट-बढ़ की चर्चा है।