राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में वोटों की गिनती रविवार को की जाएगी। इन सीट पर कुल 1862 उम्मीदवार अपना चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 की मतगणना के लिए मतगणना केंद्रों पर माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। तीन दिसंबर को सुबह आठ बजे से सभी केंद्रों पर मतपत्र और 8.30 बजे से ईवीएम के जरिए डाले गए मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में माना जा रहा है।
इस बार बदलेगा ‘रिवाज’- कांग्रेस
राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव को राज (सरकार) और ‘रिवाज” बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है… एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा। भाजपा को बाकी बातों के अलावा इस ‘रिवाज’ से बड़ी उम्मीद है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार यह ‘रिवाज’ बदलेगा और दोबारा उसकी सरकार बनेगी। 30 नवंबर को आए चुनाव बाद के पूर्वानुमानों के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी, दोनों को सरकार बनाने की उम्मीद है।
एग्जिट पोल ने भाजपा को बढ़त
जहां अधिकांश एग्जिट पोल ने राज्य में भाजपा को बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की है, तीन एग्जिट पोल ने कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की है। रविवार को मतगणना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मतदाताओं ने अशोक गहलोत सरकार के कामकाज, उसकी चर्चित लोककल्याणकारी योजनाओं तथा सात गारंटी के वादे पर भरोसा जताया या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जादू’ और भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे ने उन्हें प्रभावित किया।
कुल 4245 चरण में पूरी होगी मतों की गिनती
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सभी 36 केंद्रों पर मतगणना के लिए 1121 सहायक निर्वाचन अधिकारियों (एआरओ) की ड्यूटी लगाई गई है। राज्य में जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक-एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी। गुप्ता ने बताया कि 51890 मतदान केंद्रों पर ईवीएम में प्राप्त मतों की गणना के लिए मतगणना केंद्रों पर 2524 मेज लगाई गई हैं। इनमें कुल 4245 चरण में मतों की गिनती का कार्य पूरा होगा। शिव विधानसभा क्षेत्र के लिए मतगणना सर्वाधिक 41 चरण तक चलेगी, जबकि अजमेर दक्षिण के लिए मतगणना 14 चरण में ही पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। मतगणना प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा इंतजामों के अंतर्गत केन्द्रीय पुलिस बल और अन्य की व्यापक तैनाती रहेगी।
पुलिस बलों की 40 कंपनियां तैनात
उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल पर प्रवेश के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि मतगणना स्थल पर किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं आए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय पुलिस बलों की 40 कंपनियां ईवीएम की सुरक्षा के लिए और आरएसी की 36 कंपनियां मतगणना केंद्रों पर तैनात रहेंगी। आरएएसी की 99 कम्पनियां विभिन्न जिलों में कानून-व्यवस्था के मद्देनजर तैनात की जाएंगी। राज्य में 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था जहां 75.45 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। साल 2018 के गत विधानसभा चुनाव में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था, इस बार मतदान 0.73 प्रतिशत बढ़ा। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है।
चुनावी मैदान पर ये दिग्गज
जहां तक चुनावी समर में उतरे प्रमुख नेताओं की बात है तो सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, महेंद्रजीत सिंह मालवीय तथा अशोक चांदना व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हैं। वहीं भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया तथा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ व किरोड़ी लाल मीणा मैदान हैं।