भोपाल। भोपाल उत्तर को पिछले तीन दशक से कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार मामला रोचक है। छह बार के विधायक आरिफ अकील ने स्वस्थ्य कारणों से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, कांग्रेस ने उनकी जगह बेटे आतिफ अकील को मैदान में उतारा है। पार्टी के इस फैसले से आरिफ के भाई आमिर अकील और नासिर इस्लाम ने पार्टी का साथ छोड़कर निर्दलीय चुनाव में उतर गए है, मुस्लिम मतदाता बहुल इस सीट पर पार्षद साउद ने भी आप का हाथ थाम लिया है। भाजपा ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा को उम्मीद है कि तीस साल बाद इस सीट पर परचम पहरा सकती है। आलोक शर्मा भी इस सीट पर 2003 में आरिफ अकील के सामने चुनाव हार चुके है। भाजपा के रमेश शर्मा ने 1993 में यह सीट जीती थी। इसके बाद से आरिफ अकील लगातार जीतते आ रहे है, इस दौरान उन्होंने कई दिग्गजों को धूल चटाई है। बीमार होने के बाद भी आरिफ अकील ने सभा को संबोधित कर अपने बेटे के पक्ष में महौल तैयार करने का प्रयास किया है। आमिर के मैदान में उतरने से भी चाचा और भतीजे के बीच मुकाबला रोचक हो गया है।
आलोक शर्मा 600 वोटों से आगे
रविवार को सुबह 08 बजे मतगणना शुरू होने के बाद शुरुआती दो चरण में कांग्रेस प्रत्याशी आतिफ अकील ने बढ़त बनाई, लेकिन तीसरे चरण में भाजपा उम्मीदवार आलोक शर्मा उनसे आगे निकल गए। तीसरे राउंड की मतगणना के बाद आलोक शर्मा ने 600 वोटों की बढ़त बना ली है। मतगणना के दूसरे चरण के बाद कांग्रेस के आतिफ अकील भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा से करीब 02 हजार वोट से आगे चल रहे थे।
अब तक इस सीट के विजेता यह रहे है
1977 जनता पार्टी के हमीद कुरैशी
1980 व 1985 में कांग्रेस के रसूल अहमद सिद़दीकी
1990 में निर्दलीय आरिफ अकील
1993 में रमेश शर्मा
1998, 2003, 2008, 2013 व 2018 में कांग्रेस के आरिफ अकील