रतलाम। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों में जिले की पांच में से तीन सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में रहा, वहीं दो सीटों सैलाना व आलोट में निर्दलीय भारी रहे। सैलाना सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत भी हासिल कर ली। मैदान में भाग्य आजमाने वाले शेष प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाए। जिले की पांचों सीटों पर इस बार कुल 40 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से कांग्रेस-भाजपा के साथ तीन निर्दलीय प्रत्याशी ही जमानत बचाने में सफल रहे।
जबकि शेष 27 प्रत्याशियों ने अपनी जमानत भी गंवा दी। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों सहित जेडीयू, अन्य दल व निर्दलीयों को मिलाकर प्रत्याशियों की संख्या 44 थी। पांच सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के 10 व सैलाना सीट पर जेडीयू प्रत्याशी सहित कुल 11 ही जमानत बचा पाए थे। 2018 के चुनाव में पांचों सीटों पर कुल 40 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें कांग्रेस-भाजपा के अलावा एक भी प्रत्याशी जमानत बचाने में कामयाब नहीं रहा था।
इस बार भी पांचों सीटों पर कुल 40 प्रत्याशी मैदान में रहे। इनमें कांग्रेस-भाजपा के साथ कुल 13 प्रत्याशी जमानत जमानत बचाने में सफल रहे। निर्वाचन आयोग के मुताबिक विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10 हजार और अनुसूचित वर्ग के प्रत्याशियों को पांच हजार रुपये की सुरक्षा निधि पर्चा दाखिल करते वक्त जमा करानी होती है।उम्मीदवार यदि अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़े कुल वैध मतों का 16.66 प्रतिशत हिस्सा (छठवां हिस्सा) भी हासिल न कर सके तो फिर उसकी यह राशि जब्त हो जाती है।
रतलाम ग्रामीण में तीन की जमानत जब्त
इस सीट पर 86 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ। कुल 213166 में से 183558 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाकर पांच प्रत्याशियों का फैसला किया। भाजपा के मथुरालाल डामर विजयी रहे, वहीं कांग्रेस से लक्ष्मणसिंह डिंडोर को छोड़ जयस के डा. अभय ओहरी, बसपा के संजय भाभर, निर्दलीय नानालाल खराड़ी जमानत बचा पाने में भी सफल नहीं हुए।
रतलाम शहर में छह की जमानत जब्त
इस सीट पर जिले में सबसे कम 73 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ। कुल 216346 में से 159115 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाकर आठ प्रत्याशियों का फैसला किया। भाजपा के चेतन्य काश्यप विजयी रहे। कांग्रेस के पारस सकलेचा दादा को छोड़ बसपा से जहीरउद्दीन, सपा से आफरीन बी, यूनेपा से मोहम्मद जफर, भारतीय स्वर्णिम युग पार्टी से विजयसिंह यादव, निर्दलीय अरुण राव, मोहनसिंह सोलंकी जमानत बचा पाने में भी सफल नहीं हुए।
सैलाना में सात की जमानत जब्त
इस सीट पर जिले में सर्वाधिक 90 फीसद से अधिक मतदान हुआ। कुल 210101 में से 188046 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाकर दस प्रत्याशियों का फैसला किया। जयस के कमलेश्वर डोडियार भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले विजयी रहे। कांग्रेस के हर्ष विजय गेहलोत, भाजपा की संगीता चारेल को छोड़ जदयू से धर्मेंद्र मईड़ा, भाट्रापा से नवीन डामोर, बसपा से शंकरलाल, निर्दलीय सूरज भाभर, पवन, वागेश्वर मईड़ा, भूरी सिंघाड़ जमानत बचा पाने में भी सफल नहीं हुए।
जावरा में पांच की जमानत जब्त
इस सीट पर 85 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ। कुल 237420 में से 202947 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाकर आठ प्रत्याशियों का फैसला किया। भाजपा के डा. राजेंद्र पांडेय विजयी रहे। कांग्रेस के वीरेंद्रसिंह सोलंकी, करणी सेना परिवार के जीवनसिंह शेरपुर को छोड़ बसपा के दशरथलाल आंजना, आसपा के दिलावर खान, भारतीय स्वर्णिम युग पार्टी के विजयसिंह यादव, निर्दलीय मोहन परिहार, रामेश्वर डाबी जमानत बचा पाने में भी सफल नहीं हुए।
आलोट में छह की जमानत जब्त
इस सीट पर 83 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ। कुल 222088 में से 185074 मतदाताओं ने ईवीएम का बटन दबाकर नौ प्रत्याशियों का फैसला किया। भाजपा के डा. चिंतामणि मालवीय विजयी रहे। कांग्रेस के मनोज चावला, निर्दलीय प्रेमचंद गुड्डू को छोड़ आसपा के गोवर्धन परमार, निर्दलीय पुष्पेंद्र सूर्यवंशी, नागूलाल, लक्ष्मण चंद्रवंशी, प्रहलाद वर्मा, किशोर मालवीय जमानत बचा पाने में भी सफल नहीं हुए।