बेंगलुरू : रवि बिश्नोई को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 श्रृंखला के लिए जब भारतीय टीम में चुना गया तो यह स्पष्ट संकेत था कि अगले साल टी20 विश्व कप के मद्देनजर वह टीम प्रबंधन की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा हैं।
भारत को विश्व कप से पहले छह टी20 खेलने हैं और समझा जाता है कि 23 वर्ष के बिश्नोई को युजवेंद्र चहल पर तरजीह मिलनी तय है। चहल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 श्रृंखला के लिये भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है। चहल ने इस साल नौ टी20 मैचों में नौ विकेट लिये जबकि बिश्नोई ने 11 मैचों में 18 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न श्रृंखला में बिश्नोई ‘प्लेयर आफ द सीरिज’ रहे जिन्होंने पांच मैचों में 9 विकेट लिए। विशाखापत्तनम में पहले मैच में चार ओवर में 54 रन देने के अलावा बिश्नोई ने बाकी मैचों में शानदार गेंदबाजी की।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मैथ्यू वेड ने स्वीकार किया कि बल्लेबाजों की मददगार पिचों पर भी बिश्नोई को खेलना आसान नहीं था। उन्होंने कहा, ‘उनके स्पिनरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। बिश्नोई ने खास तौर पर चारों मैचों में शानदार गेंदबाजी की। उसे खेलना आसान नहीं था।’ श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने जियो सिनेमा से कहा, ‘बिश्नोई दूसरे लेग स्पिनर से अलग है। वह तेज गेंद डालता है और गेंद को स्लाइड कराता है। मददगार विकेटों पर उसे खेलना काफी कठिन है।’