इंदौर। मां-बाप चाहते हैं कि वह बच्चों के भविष्य के लिए जो संभव वो कर सकें। वह बच्चों के लिए घर में अलग कमरा और अलग स्टडी रूम बनवाते हैं। ऐसे में बच्चे आराम से अपनी पढ़ाई कर सकें। कई बार ऐसा होता है कि बच्चों के लिए घर में अलग से कमरा नहीं होता है। ऐसे में वह कहीं भी कॉपी-किताब पटक देते हैं। यह वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं होता है। वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज ने विस्तार से बताया कि स्टडी रूम ना होने पर बच्चे को सामान किस तरह रखना चाहिए।
यूं रखें बच्चे के खिलौने
बच्चे स्कूल में कॉम्पीटिशन में भाग लेकर मेडल जीत जाते हैं। उनके मेडल्स को मां-बाप को उत्तर दिशा में रखी अलमारी में रख देना चाहिए। उत्तर दिशा में कोई अलमारी नहीं है तो हुक पर टांग सकते हैं।
कमरे में ना हो ये चीजें
बच्चे का बेडरूम ही उसका स्टडी रूम है तो उसका खास ध्यान रखना चाहिए। मां-बाप यह ध्यान रखें कि बच्चों के कमरों जूते-चप्पल या फिर झाड़ू ना हो। बच्चों के लिए बिछाई गई बेडशीट पर हिंसक पशु की तस्वीर न हो। इन सारी बातों का ध्यान देना जरूरी है, क्यों कि यह बच्चों के दिमाग पर नेगेटिव असर डालती हैं।
यूं रखें पुरानी किताबें
कुछ बच्चे अपनी पिछली क्लास की भी किताबों को संभाल कर रखते हैं। वैसे तो यह पुरानी हो गई होती हैं, लेकिन कभी भी बच्चों के काम आ जीती हैं। ऐसे में उनको वास्तु के हिसाब से संभाल कर रखना चाहिए। इन किताबों को पश्चिम या दक्षिण दिशा में अलमारी में रख सकते हैं।