भोपाल। मध्य प्रदेश में 20 दिसंबर के पहले प्रशासनिक स्तर पर परिवर्तन हो सकता है। कुछ कलेक्टर बदले जा सकते हैं तो मंत्रालय स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन संभावित है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए 20 दिसंबर से मतदाता सूची का काम प्रारंभ हो जाएगा।
इसके बाद न तो कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना निर्वाचन आयोग की सहमति से हटाया जा सकेगा और न ही 64 हजार 626 बूथ लेवल आफिसर के तबादले किए जा सकेंगे।
लोकसभा चुनाव की घोषणा मार्च 2024 के पहले पखवाड़े में संभावित है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
20 दिसंबर से इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। छह जनवरी 2024 को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन कर दावे-आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में संलग्न अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले बिना आयोग की सहमति के नहीं होंगे।
उधर, कुछ कलेक्टरों को लेकर दौरान शिकायतें हुई थीं। इसी सप्ताह सरकार का गठन हो जाएगा। इसके बाद नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। कुछ कलेक्टर और मंत्रालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन होगा। यद्यपि, बूथ लेवल आफिसर वही रहेंगे, जो वर्तमान में काम कर रहे हैं।
वीरा राणा को लेकर भी होगा निर्णय
प्रदेश की प्रभारी मुख्य सचिव वीरा राणा को लेकर भी निर्णय इसी सप्ताह हो सकता है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण इकबाल सिंह बैंस के सेवानिवृत्त पर प्रदेश में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ अधिकारी वीरा राणा को वर्तमान दायित्वों के साथ मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
मुख्यमंत्री अपने हिसाब से मुख्य सचिव नियुक्त करेंगे। राणा मार्च में सेवानिवृत्त होंगी। इसी माह में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है, इसलिए माना जा रहा है कि सरकार पहले ही मुख्य सचिव की नियुक्ति करेगी।