मोदी मंत्रिमंडल में छोटे विस्तार की सुगबुगाहट, शामिल हो सकते हैं शिवराज सिंह चौहान और विष्णु दत्त शर्मा
विधानसभा चुनाव में शर्मा के कुशल प्रबंधन से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खुद है। उल्लेखनीय है कि मोदी कैबिनेट से जिन मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों में चुनाव लड़ाया गया था, उनमें से मप्र के भी दोनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल इस्तीफा दे चुके हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रदेश में साढ़े अठारह वर्ष तक मुख्यमंत्री का सफर तय करने वाले नेता शिवराज सिंह चौहान के पुनर्वास को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गंभीर है। कई वर्षों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि चौहान को मोदी कैबिनेट में लिया जा सकता है, लेकिन जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजय मिली तो पार्टी ने यू-टर्न ले लिया था।
पार्टी नेताओं का कहना है कि कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को हटाए जाने के कारण भाजपा को पराजय मिली, यदि वे ही मुख्यमंत्री बने रहते तो परिणाम कुछ और होते। इसी वजह से भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद चौहान की कुर्सी पर डा. मोहन यादव को बिठाया। अब पार्टी चौहान को केंद्रीय राजनीति में ले जाना चाहती है।
शिवराज को दिल्ली बुलाने की दो वजह
पार्टी के दो उद्देश्य हैं, पहला केंद्र में बेहतर प्रदर्शन वाले मंत्रियों की संख्या कम हो गई है। ऐसे में बड़े मंत्रालयों को अतिरिक्त प्रभार में रखने से मोदी सरकार के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी वजह, केंद्र की राजनीति में चौहान को ले जाने से प्रदेश का नया नेतृत्व बिना किसी नैतिक दबाव के काम कर पाएगा।
पार्टी वीडी शर्मा के प्रदर्शन से खुश
उधर, खजुराहो के सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा द्वारा विधानसभा चुनाव में जिस कुशलता से केंद्रीय नेतृत्व के हर निर्णय को मैदान में उतारा, उससे हाईकमान खुश है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी शर्मा की पीठ थपथपाई थी। यही वजह है कि शर्मा को भी मोदी कैबिनेट में स्थान मिलने की चर्चा है। यह इसलिए भी कि छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी डिप्टी सीएम बनाए जा चुके हैं।