प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को पांच राज्यों – राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम – में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘जब सभी से उम्मीद खत्म हो जाती है, तब ‘मोदी की गारंटी’ शुरू होती है।” यह यात्रा अन्य राज्यों में पहले ही शुरू हो गई थी, लेकिन इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की वजह से लागू आदर्श आचार संहिता के कारण इसकी शुरुआत में देरी हुई।
‘तब ‘मोदी की गारंटी’ शुरू होती है’
पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों के उन लाभार्थियों से बातचीत भी की जिन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया है। प्रधानमंत्री ने एक लाभार्थी से बातचीत करते हुए कहा कि देश की ‘आत्मनिर्भर’ महिलाएं न केवल अपना भरण-पोषण कर रही हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी वरदान बन रही हैं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे प्रतिबद्ध और मेहनती लोगों के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब सभी से उम्मीद खत्म हो जाती है, तब ‘मोदी की गारंटी’ शुरू होती है।”
#WATCH | During the virtual interaction with the beneficiaries of Viksit Bharat Sankalp Yatra, Union Minister Hardeep Singh Puri says, “In 2047, when the country would be developed, it would also be the 100th year of the partition. The nation saw the pain of partition 76 years… pic.twitter.com/gLieEXl6Ea — ANI (@ANI) December 16, 2023
जनता ‘मोदीजी के लिए वीआईपी’
इससे पहले कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अब हर किसी का काम तेजी से होता है क्योंकि देश की जनता ‘मोदीजी के लिए वीआईपी’ बन गई है। वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान करने वाले मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के लाभार्थियों से बातचीत की।
पांच राज्यों में यात्रा को दिखाई हरी झंडी
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरी झंडी दिखाई। इस कार्यक्रम में देशभर से ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के हजारों लाभार्थी शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए। विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरे देश में निकाली जा रही है जिसका उद्देश्य प्रमुख सरकारी योजनाओं को हर लाभार्थी तक पहुंचाना है।