श्योपुर(नप्र)। कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही चीता सफारी की शुरुआत होने वाली है। यहां पर पर्यटकों के लिए सेसईपुरा में कूनो नदी क्षेत्र को शामिल कर देश की पहली चीता सफारी विकसित की जाएगी। इसका प्रस्ताव सेंट्रल जू अथारिटी आफ इंडिया के पास भेजा गया था जिसे कूनो उत्सव के पहले स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने 6 जून को कूनो का भ्रमण कर सेसईपुरा में चीता सफारी तैयार करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए 181.17 हेक्टेयर क्षेत्र में चीता सफारी तैयार किए जाने का प्रस्ताव बनाकर सेंट्रल जू अथारिटी आफ इंडिया के पास भेजा गया था। जिसे सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। जिस जगह पर ये सफारी बनाई जाएगी उसमें 124.94 हेक्टेयर वन भूमि और 56.23 हेक्टेयर भूमि राजस्व की शामिल रहेगी। एक इंटरप्रिटेशन सेंटर भी तैयार किया जा रहा है। पर्यटक इसको घूमकर चीतों के विषय में जान सकेंगे ओर उनकां दीदार कर सकेंगे। इसमें कूनो नेशनल पार्क में मौजूद अन्य जानवरों, पक्षी आदि के विषय में भी पर्यटकों को बताया जाएगा। कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन जल्द ही कलेक्टर से राजस्व भूमि देने के लिए पत्र भेजेगा। प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ रखर्च होने की संभावना है।
कूनो फारेस्ट फेस्टिवल आज से, सीएम यादव करेंगे शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को श्योपुर में कूनो फारेस्ट फेस्टिवल का शुभारंभ करेंगे। कूनो को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा कूनो फारेस्ट फेस्टिवल के पहले संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि श्योपुर के ग्राम रानीपुरा में निर्मित की गई कूनो फारेस्ट रिट्रीट (टेंट सिटी) में शुरू होने वाले इस महोत्सव के द्वारा क्षेत्र की असीम पर्यटन संभावाओं से अवगत कराया जाएगा। अत्य़ाधुनिक सुविधाओं से लैस टेंट सिटी में पर्यटक लग्जरी ग्लेम्पिंग का आनंद ले सकेंगे। साथ ही यहां आयोजित होने वाली हॉट एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, जंगल सफारी जैसी गतिविधियों से खुद को रोमांचित कर पाएंगे। शुक्ला ने बताया कि फेस्टिवल में जंगल सफारी के दौरान क्षेत्र की समृद्ध वन्यजीव देखने का मौका भी मिलेगा। पारम्परिक कला, एवं सांस्कृतिक आयोजनों, स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को प्रचारित किया जाएगा।